औरंगाबाद। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (बीएमएस) ने चार नए श्रम कानूनों और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के बड़े पैमाने पर निजीकरण का विरोध करने के लिए 28 और 29 मार्च को बैंकों की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
यूनियन के नेता देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि वर्तमान में सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां स्थायी नौकरियों को भरने की बजाय अनुबंध पर मजदूरों को रखकर उनका शोषण कर रही हैं। उन्होंने पुराने पेंशन स्कीम को लागू करने की भी मांग की है।
बैंकिंग इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों एआईबीइए, एआईबीओए और बीइएफआई ने बंद का आह्वान किया और लगभग 500,000 बैंक कर्मचारी और अधिकारी इसमें शामिल होंगे। यूनियनों को आशंका है कि सरकार बैंकिंग कंपनी संशोधन विधेयक 2021 की तरफ किसी भी समय दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के निजीकरण की घोषणा के अनुसरण के लिए जा सकती है।
पुरानी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंक कर्मचारी, कुछ विदेशी बैंक, ग्रामीण बैंक और कोओपरेटिव बैंक भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। बैंक के निजीकरण के विरोध में संघों ने स्पष्ट किया कि वे हड़ताल पर हैं।