सिरोही। स्थानीय गुटबाजी, अस्तित्व और आत्मसम्मान के लिए संघर्ष सिरोही भाजपा में भी देखने को मिल रही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के आगमन से पहले ही कालन्द्री मंडल के महामंत्री केराराम लोहार ने अपना त्यागपत्र जिलाध्यक्ष और कालन्द्री मंडल अध्यक्ष को भेज दिया है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार पद के अनुसार ये इस्तीफा महत्ता नहीं मिलने के कारण संगठन में अपने आत्मसम्मान की सुरक्षा की परिणीति है। इसकी सूचना जिलाध्यक्ष स्तर तक देने के बाद भी सुनवाई नहीं होने से ये कदम उठाया है। वैसे त्याग पत्र में लिखा है कि वे एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में संगठन में अपनी सेवा देते रहेंगे।
पोस्टरों से गायब की महिला नेत्रियां
राजनीतिक संगठनों के एजेंडे उनके द्वारा लगाए पोस्टरो से स्पष्ट झलक जाते हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के आगमन पर सिरोही भाजपा के द्वारा लगाए बैनर्स में से इस बार महिलाओं को पूरी तरह से एलिमिनेट कर दिया गया है। अब इन्हें एलिमिनेट करवाने वाले ‘बिग बॉस’ जिले का पदाधिकारी है या प्रदेश का, ये चर्चा भी संगठन में है।
वसुन्धरा राजे के बाद जिले में भाजपा की जनसंघ के समय वाली नेत्री और विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष तारा भंडारी की तस्वीरें भी बैनर नदारद होना पार्टी में चर्चा का विषय है। इतना ही नहीं उनके प्रति सम्मान रखने वाले कार्यकर्ता इससे क्षुब्ध हैं। वहीं पूर्व जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया को भी पहली बार पोस्टरों से बाहर कर दिया गया है। उनके समर्थक भी नाराज हैं।
खुद भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित के द्वारा सरजावाव दरवाजे के शौचालय के ऊपर लगे बैनर में भी कोई महिला नेत्री नहीं है। पूरे जिले में बैनर्स में जिस तरह से महिलाओं को सीधे चुनौती दी गई है, उससे स्पष्ट लग रहा है कि एक पूरे एजेंडे के तहत ये काम किया गया है। अब इस एजेंडे का सूत्रधार कौन है इसकी चर्चा पार्टी में जोरों पर है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि विधायक रहते हुए ओटाराम देवासी से जिन्हें सबसे ज्यादा खुन्नस थी वही लोग उन पर विशेष मेहरबान हैं। पार्टी सूत्रों से अनुसार इसकी प्रमुख वजह ये बताई जा रही है कि यदि ओटाराम देवासी की जगह उन्हें 2023 के विधायक का टिकिट मिलता है तो ओटाराम देवासी के कहने पर देवासी वोट उनके पाले में शिफ्ट हो जाएंगे।
पार्टी की जगह रेवदर प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बनी!
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के आगमन के दौरान जिला मुख्यालय पर लगे बैनर्स और पोस्टर्स में से जिस तरह चुन-चुन कर स्थानीय भाजपा नेताओं को दरकिनार किया गया है, उससे संगठन में अंदर खाने नई चर्चा चल निकली है।
कार्यकर्ता ये आरोप लगाते दिख रहे हैं कि पार्टी को जिले में रेवदर प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बना दिया गया है। जिला भाजपा के दो प्रमुख पदों पर आसीन नेता इसे रेवदर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह संचालित करने में लगा गए हैं। इसका अघोषित संचालन भी प्रदेश के एक नेता के संरक्षण में वहीं से किया जाना बताया जा रहा है।
एक चुनौती यहां भी
पार्टी पर कथित रेवदर प्राइवेट लिमिटेड पार्टी के रूप में एकाधिकार करने के बावजूद भी ऐसा नहीं है कि इन्हें कोई इस कम्पनी के दो मुखियाओं को चुनौती नहीं दे रहे हैं। एक नेता ने इन मुखियाओं को भी चुनौती दे दी है। उंस नेता ने अपने बैनर से कथित रेवदर प्राइवेट लिमिटेड पार्टी के प्रमुख नेता की तस्वीर भी गायब कर दी है।