इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री सैयद अमीनुल हक और कानून एवं न्याय मंत्री डॉ फरोग नसीम ने बुधवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले ही इस्तीफा दे दिया।
उल्लेखनीय है कि दोनों मंत्री मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के सदस्य हैं, जिसने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष का समर्थन करने का एलान किया है। एमक्यूएम-पी की राब्ता कमेटी से हरी झंडी मिलने के बाद उन्होंने श्री खान को अपना इस्तीफा दिया।
जियो न्यूज के अनुसार मंत्रियों का मानना था कि खान के मंत्रिमंडल में रहते हुए इस तरह का फैसला लेना उचित नहीं है, इसलिए उन्होंने पहले संघीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना उचित समझा।
जियो न्यूज ने बताया कि नसीम पार्टी के विरुद्ध जाकर खान का समर्थन कर सकते थे, लेकिन सांसद के रूप में उनका चयन एमक्यूएम-पी के कोटे से हुआ था, इसलिए उन्होंने पार्टी के फैसले का समर्थन किया।
इस बीच, सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसेेन ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरी गेंद तक लड़ने वाले खिलाड़ी हैं, इस्तीफा नहीं मिलेगा, मैदान लगेगा, दोस्त भी देखेंगे और दुश्मन भी।
सरकार गिराने के पीछे विदेशी हाथ, इमरान का दावा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को दावा किया कि उनकी सरकार गिराने के पीछे विदेशी षडयंत्र हैं और वह इस मामले की पुष्टि के लिए एक पत्र शीघ्र ही सार्वजनिक रूप से पेश करेंगे।
खान ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक संकट कुछ नया नहीं है लेकिन मेरी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी साजिश है। हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ देश को बाहरी ताकतों के इशारे में पर चलाने का काम किया जा रहा है। विदेशियों को यह रास नहीं आ रहा है हमारी सरकार में देश इतना अच्छा प्रदर्शन कैसे कर सकता है। मेरे पास इसके सबूत हैं जिन्हें मैं वरिष्ठ पत्रकारों के साथ साझा करूंगा। मैं अपनी सरकार के खिलाफ विदेशी षड़यंत्र का पर्दाफाश करके रहूंगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई ) के प्रमुख सहयोगी दल मुत्ताहित कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) के प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच सहयोग के लिए समझौता हो चुका है और इसके बाद इमरान सरकार का जाना तय माना जा रहा है।