इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा नेशनल असेंबली को बहाल किए जाने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार रात को अपने दिए बयान में कहा कि वह देश में किसी भी ‘आयातित सरकार’ को स्वीकार नहीं करेंगे और इसी के साथ उन्होंने ऐसा होने की स्थिति में अपने समर्थकों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया।
शुक्रवार रात देश को संबोधित करते हुए नेशनल टेलीविजन पर इमरान खान ने अपने समर्थकों से रविवार को ‘नई आयातित सरकार’ के सत्ता में आने पर देश भर में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा। श्री इमरान ने कहा कि वह नेशनल असेंबली को बहाल किए जाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान जरूर करते हैं, लेकिन इससे निराश हैं।
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को फैसला सुनाने से पहले कम से कम ‘धमकी भरे पत्र’ पर गौर फरमाना चाहिए था। इमरान ने कहा कि मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन उन्हें फैसला सुनाने से पहले धमकी भरे पत्र पर गौर फरमाना चाहिए था।
पीएम ने यह साफ कह दिया कि पाकिस्तान किसी भी देश के साथ एकतरफा संबंध नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि हम टिश्यू पेपर की तरह इस्तेमाल किए जाने लायक कोई देश नहीं है। इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे (विपक्ष) अपने खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों से छुटकारा पाना चाहते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि अगर उन्हें (विपक्ष) इतना ही यकीन है, तो वे चुनाव कराने से क्यों डरते हैं? इमरान खान ने देश से रविवार को शांतिपूर्ण विरोध के लिए ईशा की नमाज के बाद अपने घरों से बाहर निकलने का आग्रह किया।
उन्होंने अमरीका पर निशाना साधते हुए कहा कि विदेशी ताकत के रचे इस नाटक का विरोध करने के लिए मैं सभी से अपने घरों से निकलने का अनुरोध करता हूं और मैं इसमें आपके साथ हूं क्योंकि मैं पाकिस्तान के खिलाफ इस विदेशी साजिश को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा को भंग करने के सरकार के फैसले और नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इसे बहाल कर दिया।
इसके अलावा, अदालत ने निचले सदन के अध्यक्ष कासिम सूरी को अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन के लिए 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने और अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर नए प्रधानमंत्री का चुनाव कराने का आदेश दिया है।
अदालत के फैसले ने प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को भी पुनर्स्थापित कर दिया है। इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा कि मैं उनके खिलाफ नए सिरे से संघर्ष करने के लिए तैयार हूं… मैं सड़कों पर उतरूंगा। मैं अपने देश में एक आयातित सरकार लाने के प्रयासों के खिलाफ देश भर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए कह रहा हूं, लेकिन कोई हिंसा का सहारा न लें।
उन्होंने कहा कि देश में खुलेआम सांसदों की खरीद फरोख्त हो रही हैं। यह बात हर बच्चे तक को पता है। यह किस तरह का लोकतंत्र है? विश्व का कौन सा लोकतंत्र इसकी अनुमति देता है? मुझे उम्मीद थी कि अदालत इस ओर ध्यान देगी।
उन्होंने पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को फटकार लगाते हुए इस बात का दावा किया कि इनके द्वारा 30 साल पहले खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया शुरू की गई थी और तब से देश की राजनीति गड़बड़ा गई है।
उन्होंने कहा कि मैं अपने राष्ट्र से कहता हूं कि अगर अपने आप को इस विदेशी साजिश से बचाना है, तो इसके खिलाफ आवाज उठाना होगा। इसके लिए कोई भी आपको बचाने नहीं आने वाला है।