जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अपना वचन निभाते हुए राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस के ट्वीट को रिट्वीट किया कि गजेन्द्र सिंह जी वचन निभाइये और संन्यास लीजिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य को साझा करते हुए कहा कि आपकी तस्सली के लिए.. ठीक से सुनिए 2018 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर प्रधानमंत्री मोदी के क्या शब्द थे।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से 13 जिलों में सिंचाई और 40 प्रतिशत आबादी को मीठा पानी मिलेगा क्या ये भी झूठ और झांसा था। उन्होंने सात जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में प्रधानमंत्री के भाषण का ईआरसीपी से संबंधित वक्तव्य 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में प्रधानमंत्री जी के भाषण का ईआरसीपी से संबंधित वक्तव्य के बारे बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलशक्ति मंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री ने अजमेर की रैली में ईआरसीपी पर एक शब्द नहीं कहा, यदि कहा है तो वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि 7 जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में स्पष्ट तौर पर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने पर सकारात्मक रुख रखने की बात की है एवं 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में जयपुर का नाम लेकर अपने इस वादे को दोहराया है।
गहलोत ने कहा कि होना ये चाहिए था कि उन्हें पहले से चल रहे 16 नेशनल प्रोजेक्ट के साथ ईआरसीपी को भी 17वें नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा दिलवाकर प्रधानमंत्री के वादे को पूरा करवाना चाहिए था। वे राजस्थान से सांसद भी हैं एवं केन्द्र में जलशक्ति मंत्री बनकर बैठे हैं। उनकी राजस्थान की अन्य परियोजनाओं में तो कोई रुचि नहीं है परन्तु उनके अपने विभाग की महत्वपूर्ण परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के प्रति भी कोई रुचि नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि मैं लगातार तीन वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर एवं अजमेर में चुनाव से पहले 13 जिलों की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना (नेशनल प्रोजेक्ट) का दर्जा देने के वादे की याद दिला रहा हूं। परन्तु अब जाकर राजस्थान से आने वाले केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री को असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन करना याद आया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।