जैसलमेर। भारतीय सेना एवं वायुसेना ने सोमवार को जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज में सोमवार को दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक हेलिना गाइडेड मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
इस मिसाइल को होम मेड एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया। यह परीक्षण संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की देखरेख में किया गया। हेलिकाॅप्टर से करीब सात किमी उंचाई पर हाईएस्ट रेन्ज से दागी गई हेलेना मिसाईल ने दुश्मन के छद्म एक टैंक पर अचूक निशाना साधते हुए उसे ध्वस्त किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से पहली उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कठिन परिस्थितियों में किए गए सराहनीय कार्य के लिए टीमों को बधाई दी।
डीआरडीओ के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से लॉन्च की गई टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल हेलीना का सोमवार को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों की टीम के साथ भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की संयुक्त टीम की निगरानी में किया गया।
उड़ान परीक्षण के दौरान मिसाइल ने नकली टैंक लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। परीक्षण को सेना एवं वायुसेना के उच्चधिकारियों और डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने देखा। मिसाइल को एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर से निर्देशित किया जाता है जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है। इससे हाईएस्ट 7 किमी की उंचाई से दागा गया।
गौरतलब हैं कि दो दिन पूर्व डीआरडीओ ने जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज से पिनाका एमके 1 रॉकेट सिस्टम के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। पिछले दो हफ्तों में अलग-अलग रेंज के लिए 24 रॉकेट सिस्टम दागे गए।