स्टॉकहोम। स्वीडन में अति दक्षिणपंथी अप्रवासी विरोधी समूह की ओर से मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान को जलाये जाने के बाद दंगे भड़क उठे हैं। पुलिस ने रविवार को दंगाइयों को चेतावनी देने के लिए गोलियां चलायीं, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।
स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट दी है कि करीब 150 लोगों की भीड़ ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया और कई वाहनों में आग लगा दी। करीब 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार स्ट्रैम कुर्स या हार्ड लाइन आंदोलन का नेतृत्व करने वाले डेनमार्क मूल के स्वीडन के चरमपंथी रासमस पलुदान ने कहा कि उन्होंने इस्लाम के सबसे पवित्र ग्रंथ को जला दिया है और ऐसा दोबारा भी करेंगे।
नेता ने रविवार को नोरकोपिंग में एक और रैली आयोजित करने की धमकी दी थी, जिसके बाद दूसरे पक्ष के प्रदर्शनकारी भी वहां एकत्रित हो गए। स्थानीय पुलिस ने बताया कि हमले की चपेट में आने और दंगाइयों के तीन लोगों को निशाना बनाने के बाद उन्होंने चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं।
अति दक्षिणपंथी समूह ने स्टॉकहोम के उपनगरों और लिंकोपिंग और नॉरकोपिंग शहरों समेत जहां भी कार्यक्रमों की योजना बनाई थी, वहां गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को हिंसा में कम से कम 16 पुलिस अधिकारियों के घायल होने और कई पुलिस वाहनों को नष्ट किए जाने की सूचना मिली थी।
स्वीडन के राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख एंडर्स थॉर्नबर्ग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस अधिकारियों की जान जाने को लेकर कोई चिंता नहीं थी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी हिंसक दंगे देखे हैं। लेकिन यह कुछ और ही है।
स्वीडन के दक्षिणी क्षेत्र लैंडस्क्रोना में कुछ प्रदर्शनकारियों ने कारों, टायरों और कचरे के डिब्बों में आग लगा दी, जबकि अन्य ने यातायात को बाधित करने के लिए अवरोध खड़ा कर दिया। इसी तरह के प्रदर्शन देश के तीसरे सबसे बड़े शहर माल्मो में भी हुए, जिसमें एक सिटी बस और अन्य सामानों को आग के हवाले कर दिया गया।
गौरतलब है कि डेनमार्क के वकील पलुदान ने 2017 में स्ट्रैम कुर्स या हार्ड लाइन की स्थापना की, जो अब अपने प्रवासर विरोधी और इस्लाम विरोधी एजेंडे के लिए जाना जाता है। उन्हें डेनमार्क में नस्लवाद सहित विभिन्न अपराधों के लिए 2020 में एक महीने की जेल की सजा हुई थी। उन्होंने फ्रांस और बेल्जियम सहित अन्य यूरोपीय देशों में भी कुरान को जलाने की योजना बनाने की कोशिश की थी।