मुंबई। दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच शुक्रवार रात को खेले गए मुक़ाबले के दौरान हुए नो बॉल प्रकरण पर आईपीएल प्रबंधन ने कार्रवाई की है।
आईपीएल प्रबंधन ने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत की मैच फ़ीस में 100 फ़ीसदी की कटौती कर दी है जबकि बीच मैदान में अंपायर से उलझना दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच प्रवीण आमरे को भारी पड़ गया है।
इस बर्ताव के लिए प्रवीण आमरे पर एक मैच का बैन लगा दिया गया है। मैदान में आमरे के प्रवेश पर एक मैच की रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही उनकी मैच फ़ीस में भी कटौती की गई है। आमरे की मैच फ़ीस में 100 फ़ीसदी की कटौती की गई है। कप्तान पंत और सहायक कोच आमरे के अलावा शार्दुल ठाकुर की मैच फ़ीस में भी 50 फ़ीसदी की कटौती की गई है।
पंत ने आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.7 के तहत स्तर 2 के अपराध को स्वीकार किया और मंजूरी को स्वीकार कर लिया, जबकि ठाकुर ने अनुच्छेद 2.8 के तहत स्तर 2 के अपराध को स्वीकार किया। आमरे ने अनुच्छेद 2.2 के तहत स्तर 2 के अपराध को स्वीकार किया।
मामला दिल्ली की पारी के आखिरी ओवर का है जिसमें दिल्ली को जीत के लिए 36 रन की जरूरत थी। रोवमन पॉवेल ने आखिरी ओवर में पहली गेंद पर सीधा छक्का मारा। पॉवेल ने ओबेद मेकॉय की दूसरी गेंद पर भी छक्का जड़ा। तीसरी गेंद भी छक्के के लिए दर्शकों के बीच पहुंच चुकी थी।
तीसरी गेंद नो बॉल है या नहीं इसे लेकर विवाद हुआ। कप्तान पंत तो दोनों बल्लेबाजों को बाहर बुलाने का इशारा करने लगे। लेकिन इससे पॉवेल की लय टूट गई। पॉवेल फिर छक्का नहीं मार पाए और आखिरी गेंद पर आउट हो गए। दिल्ली को हार का सामना करना पड़ा।
अंपायर का निर्णय सही हो या ग़लत उसे स्वीकारा जाना चाहिए:वाटसन
दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वॉटसन ने अंतिम ओवर में मैदान में घटित हुए नाटकीय घटनाक्रम पर कहा कि आख़िरी ओवर में जो कुछ भी हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। अंपायर का निर्णय सही हो या ग़लत उसे स्वीकारा जाना चाहिए। कोई मैदान पर दौड़ लगा रहा है, निश्चित रूप से यह स्वीकार्य नहीं है। यह सही नहीं है।
हालांकि वॉटसन ने इस बात पर भी अपनी सहमति जताई कि खेल में पैदा हुई रुकावट ने राजस्थान को रणनीति तैयार करने का पर्याप्त समय दे दिया। वॉटसन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि खेल के बीच इतनी बड़ी देर की रुकावट पूरे मोमेंटम को शिफ़्ट कर सकता है।
इस व्यवधान ने मकॉए को तैयारी का अधिक मौका दे दिया और यह राजस्थान के पक्ष में घूम गया। यह रुकावट दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन अंतोगत्वा आपको अंपायर के निर्णय को स्वीकारना होता है और यही हमें शुरु से सिखाया भी गया है। जिसका पालन किया जाना चाहिए।
राजस्थान रॉयल्स टीम के निदेशक कुमार संगकारा ने इस नाटकीय घटनाक्रम पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि अंपायर ही खेल को नियंत्रित करते हैं। आईपीएल में काफ़ी दबाव होता है। ऐसे में कई बार तनाव और निर्णय किसी भी एक पक्ष में जा सकता है। मुझे नहीं लगता कि मैं वास्तव में यह तय कर सकता हूं कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं।