नई दिल्ली। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने देश के खिलाफ फर्जी और भड़काऊ खबरें फैलाने के मामले में भारत के 10 और पाकिस्तान के छह यूट्यूब चैनलों के सोशल मीडिया खातों पर सोमवार को रोक लगा दी।
मंत्रालय ने कहा है कि ये चैनल भारत में कानून व्यवस्था, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली तथा भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर के हालात और यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में भारत के दूसरे देशों के संबंधों को लेकर ऊल-जलूल खबरें फैलाने में लगे थे।
मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इन यूट्यूब चैनलों की सामग्री समाचारों पर केंद्रित थी और इनको कुल मिलाकर 68 करोड़ से अधिक बार देखा गया है। इनके खिलाफ यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली के तहत प्रदत्त आपातकालीन अधिकारों के तहत की गई है।
आदेश में भारत के जिन यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाई गई है उनमें सैनी एजूकेशन रिसर्च, हिंदी में देखो, टेक्निकल योगेंद्र, आज ते न्यूज, एसबीबी न्यूज, डिफेंस न्यूज 24×7, द स्टडी टाइम, लेटेस्ट अपडेट, एमआरएफ टीवी लाइव और तहाफ्फुज़-ए-दीन इंडिया के नाम हैं। इन्हें करीब 42 करोड़ 21 लाख बार देखा गया है और इनसे जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 25 लाख 54 हजार से अधिक है।
प्रतिबंधित पाकिस्तानी चैनलों में आज तक पाकिस्तान, डिस्कवर, प्वाइंट रियलटी चेक्स, कैसर खान, दी वॉयस ऑफ एशिया और बोल मीडिया बोल शामिल हैं। इनको कुल 26 करोड़ 28 लाख 41 हजार बार देखा गया है औऱ इनके सम्मिलित ग्राहकों की संख्या 17 लाख से अधिक है।
मंत्रालय ने तहाफ्फुज़-ए-दीन मीडिया सर्विसेज इंडिया नाम के फेसबुक अकाउंट को भी प्रतिबंधित कर दिया है। इस अकाउंट से जुड़े लोगों की संख्या 23 हजार से अधिक बताई गई है।
बयान में कहा गया है कि ये चैनल भारत में भय का वातावरण पैदा करने, सांप्रदायिक सौहार्द तथा कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए असत्य और अपुष्ट सूचनाएं फैला रहे थे। मंत्रालय ने कहा है कि ये चैनल सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
डिजिटल समाचार प्रकाशित करने वाले इन चैनलों में से किसी ने भी सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली 2021 के नियम 18 के तहत अनिवार्य कोई सूचना मंत्रालय में दाखिल नहीं कराई थी। इनमें से भारत के कुछ यूट्यूब चैनल एक संप्रदाय को आतंकवादी के रूप में संबोधित करते थे और विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच घृणा के बीज बो रहे थे, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा था।
पाकिस्तानी चैनल आपस में तालमेल के साथ भारत की सेना, जम्मू कश्मीर और यूक्रेन के संदर्भ में भारत के दूसरे देशों के साथ संबंधों को लेकर फर्जी समाचार और सूचनाएं पेश करते थे। यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जबकि सरकार ने अभी दो दिन पहले 23 अप्रैल को प्राइवेट टीवी समाचार चैनलों को असत्य दावे करने और समाचारों के भड़काऊ शीर्षकों से बाज आने की सलाह दी थी।