रांची। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने आईएएस पूजा सिंघल से मंगलवार को लंबे समय तक पूछताछ की। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक ईडी ने मनरेगा को लेकर पूजा सिंघल से सवाल किया। उसके जवाब में सिंघल ने कहा कि जो भी मेरे उपर मनरेगा में आरोप लगाया गया है, वह गलत है। मैंने किसी भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं दिया है। मेरे उपर विभागीय जांच हुई। 2017 में मुझे क्लीन चीट दिया गया।
उन्होंने ईडी के अधिकारियों से कहा कि आप वह जवाब देख सकते है कि मैने किस दिन क्या जवाब दिया था। इसके बाद ईडी ने पूछा कि राम बिनोद सिन्हा ने कहा है कि डीसी ऑफिस को पांच प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। इस पर सिंघल ने कहा कि राम बिनोद सिन्हा ने मेरा नाम लिया है क्या। राम बिनोद सिन्हा और आरके जैन जैसे लोग जो मामले में आरोपित है वह मेरे खिलाफ आरोप लगाते हैं। वह पता नहीं ऐसा क्यों कर रहे है। मैंने कोई पैसा नहीं लिया और ना ही कोई भ्रष्टाचार किया है।
ईडी ने पूछा कि आप राम विनोद सिन्हा को सारा काम देती थी और उसके काम का कोई ऑडिट नहीं होता था। इस पर सिंघल ने कहा कि मैं नियम के मुताबिक काम करती थी। ईडी ने पूछा कि राम विनोद सिन्हा के खिलाफ शिकायत आने पर आपके ओर से क्या कार्रवाई की गई। सिंघल ने कहा कि इसके लिए मुझे कागजात देखना होगा। क्या शिकायत आई थी और मैंने क्या कार्रवाई की थी।
वहीं दूसरी ओर ईडी के पूछताछ में सीए सुमन कुमार सिंह ने कहा कि जो रुपए उसके घर से मिले हैं वो उसके नहीं हैं। पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और सुमन सिंह तीनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ कर रही है। इसी दौरान तीनों ही ईडी के सवालों से असहज हो गए। इसी दौरान सुमन ने यह भी जानकारी दी है कि पैसे उसके नहीं है। जबकि इससे पूर्व सीए सुमन कुमार सिंह ने ईडी के पूछताछ में कहा था कि सारे पैसे उसी के हैं।
जानकारी के मुताबिक ईडी के द्वारा किए गए छापेमारी के दौरान सुमन कुमार, पूजा सिंघल और उनके पति के घर, अस्पताल और दफ्तर से जब्त दस्तावेज को भी ईडी ऑफिस लाया गया है। दो बड़े बड़े बक्से में भरे दस्तावेज कड़ी सुरक्षा के बीच ईडी दफ्तर लाए गए है। पूछताछ के दौरान ईडी ने शेल कंपनियों से जुड़े दस्तावेज भी मंगाए गए है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने आईएएस पूजा सिंघल और उनके करीबियों से जुड़े करीब 25 ठिकानों पर दो दिन तक छापेमारी की थी। इस दौरान 19.31 करोड़ रुपए और लगभग 300 करोड़ के दस्तावेज जब्त किए गए थे। इसके बाद ईडी ने आईएएस पूजा सिंघल को पूछताछ के लिए समन नोटिस भेज पूछताछ के लिए बुलाया था।
मालूम हो कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच के दौरान जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने बताया था कि खूंटी जिला प्रशासन मनरेगा में पांच प्रतिशत कमीशन लेता था। साल 2007 से 2013 के बीच पूजा सिंघल डीसी के रूप में चतरा, खूंटी और पलामू में पदस्थापित रही। इस दौरान उन पर कई वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगे थे।