अजमेर। वर्तमान में जिसे ताजमहल कहा जा रहा है सही मायने में उसे तेजोमालय के नाम से जाना जाता था। ताजमहल नाम सही नहीं है। तेजोमालय का अर्थ (शिवालय) होता है, जिसे बर्बरता पूर्वक गिराकर किसी कालखंड में इसको ताजमहल बना दिया। सनातन इतिहास में ताजमहल का उल्लेख नहीं है बल्कि तेजोमालय के नाम से ही यह उल्लेखित है इसलिए इसे तेजोमालय के नाम से ही जानना चाहिए। यह बात गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निष्चलानंद सरस्वती ने बुधवार को पंचशील स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर परिसर में धर्मप्रेमियों की जिज्ञासा समाधान करते हुए कही।
इस दौरान पत्रकारों से सवालों के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि ताजमहल से जुड़ी जानकारी जयपुर राजघराने के पास हैं, इसलिए उन्हें भी देखना चाहिए और उनके बाद न्यायोचित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में यह जरूरी भी है कि जिन धार्मिक जगहों का सनातन धर्म में उल्लेख है उन्हें उन्हें मौलिक स्वरूप प्रदान किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को शांतिपूर्वक सुलझाना चाहिए और सदभाव रखते हुए कार्रवाई करनी चाहिए ताकि देश में कोई अशांति ना हो।
बुलडोजर पर भी बोले शंकराचार्य
शंकराचार्य ने वर्तमान में चल रहे बुलडोजर प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी कार्रवाई द्वेषता पूर्वक नहीं बल्कि विवेकपूर्ण होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन मामलों में देशभक्त होना जरूरी है, इसलिए उन्हें लगता है कि मठ मंदिर की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए ही कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने ईशारे में सीएम योगी को देशभक्त बताया।
सत्य मार्ग पर चलना श्रेष्ठ
जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम में शहर के सभी रसिक श्रद्धालुओं, बुद्धिजीवी वर्ग के प्रश्नों व समस्याओं के संदर्भ में शंकराचार्य ने मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर शंकराचार्य से जीवन, धर्म कर्म, पुनर्जन्म और वर्तमान में नई पीढ़ी को संस्कार और धर्म से किस प्रकार जोड़ा जाए आदि के संदर्भ में आमजन ने जिज्ञासा प्रकट की। शंकराचार्य ने सभी के प्रश्नों का उत्तर देते हुए धर्म की रक्षा करते हुए सत्य मार्ग पर चलने को श्रेष्ठ बताया।
जवाहर रंग मंच में धर्मसभा
देर शाम जवाहर रंग मंच में राष्ट्रोत्कृष्ट अभियान यात्रा प्रचार समिति की ओर से जवाहर रंगमंच पर आयोजित धर्मसभा में शंकराचार्य कहा कि राजनीति का सुसंस्कृत और सुरक्षित होना जरूरी है। राजा विद्वान होगा तो प्रजा भी विद्वान होगी। राजनेता समाज का स्तर गिराकर उसका दोहन करते हैं। लोगो को निकम्मा बनाते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि यदि विकास हो जाएगा तो उन्हें कोई पूछेगा नहीं।
बतादें कि आदि गुरु शंकराचार्य दो दिवसीय प्रवास पर मंगलवार देर शाम योगा एक्सप्रेस से अजमेर पहुंचे थे। रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बुधवार सुबह शंकराचार्य के स्वागत के लिए मदार गेट चौराहे से लेकर जवाहर रंगमंच तक वाहन रैली निकाली गई। वाहन में सवार शंकराचार्य का पुष्पवर्षा कर धर्मप्रेमियों ने जगह-जगह स्वागत किया गया। वाहन रैली मदार गेट, गांधी भवन, चूड़ी बाजार, गोल प्याऊ, नया बाजार, आगरा गेट, नसियां, महावीर सर्किल, बजरंगढ़ चौराहा होते हुए जवाहर रंगमंच पहुंची।
शंकराचार्य प्रवास समिति की ओर से डॉ ज्योत्सना रंगा, डॉ राजेश खत्री, कालीचरणदास खंडेलवाल, उमेश गर्ग, सतीश बंसल, कंवल प्रकाश किशनानी, हरीश गर्ग, अमित भंसाली, नितिन शर्मा, अमित सेन, अमृत अग्रवाल सहित सभी कार्यकर्ताओं ने अजमेर की धर्म प्रेमी मौजूद रहे।