कैनबरा। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्र्यू साइमंड्स की कार दुर्घटना में मौत हो गई है। वह क्वींसलैंड में हादसे का शिकार हो गए। साइमंड्स ने 1998 से 2009 के दरमियान कुल 26 टेस्ट और 198 वनडे में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया था। 46 वर्षीय साइमंड्स टाउंज़्विल के बाहर हादसे का शिकार हुए, वह संन्यास के बाद यहीं रहा करते थे।
क्वींसलैंड पुलिस ने अपने बयान में कहा कि पुलिस टाउंज़्विल से लगभग 50 किलोमीटर दूर हर्वे रेंज में एक एकल वाहन दुर्घटना की जांच कर रही है, जिसने कल रात एक 46 वर्षीय व्यक्ति की जान ले ली। शुरुआती सूचना के मुताबिक रात करीब 11 बजे ऐलिस रिवर ब्रिज के समीप हर्वी रेंज रोड पर एक कार चलाई जा रही थी, इसी दौरान कार अचानक सड़क से उतर गई और लुढ़क गई। कार को चला रहे 46 वर्षीय ड्राइवर को बचाने की कोशिश की गई लेकिन उसकी दुःखद मृत्यु हो गई।
साइमंड्स 2003 और 2007 में ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप विजेता टीम के दो बार सदस्य रहे थे। इसके साथ ही वह मध्य 2000 में टेस्ट टीम के अहम सदस्य भी रहे थे। साइमंड्स की मृत्यु 2022 में अब तक तीसरी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की मृत्यु है। इससे पहले मार्च महीनें में रॉडनी मार्श और शेन वॉर्न की मृत्यु हो गई थी।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष लॉकलन हेंडरसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट ने अपना सर्वश्रेष्ठ में से एक और खो दिया है।वह कई लोगों के लिए एक संस्कारी व्यक्ति थे, जिन्हें उनके प्रशंसकों और दोस्तों द्वारा क़ीमती बनाया गया था। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की ओर से हमारी गहरी सहानुभूति साइमंड्स के परिवार, टीम के साथियों और दोस्तों के साथ है। वहीं क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गज और साइमंड्स के साथ क्रिकेट खेलने वाले कई खिलाड़ी अपना शोक प्रकट कर रहे हैं।
साइमंड्स एक ऐसे ऑलराउंडर थे जो गेंद पर निर्भीकता के साथ प्रहार करते थे। वह गेंदबाज़ी में मध्यम गति के साथ गेंदबाज़ी करने के साथ-साथ ऑफ़ स्पिन भी डाल सकते थे। इसके अलावा वह एक बेहतरीन फ़ील्डर भी थे।
बर्मिंघम में जन्मे, साइमंड्स इंग्लैंड के लिए खेल सकते थे, लेकिन 1995 में इंग्लैंड ए टीम के लिए कॉल-अप को ठुकरा दिया। उनका पहला ऑस्ट्रेलिया चयन, एकदिवसीय टीम में, 1998 में आया था, लेकिन लंबे समय तक ऐसा प्रतीत होता था कि वह इस प्रतिभा को नहीं भुना पाएंगे।
हालांकि 2003 के विश्व कप के ऑस्ट्रेलिया के शुरुआती मैच में यह धारणा बदल गई। वह जब बल्लेबाज़ी करने आए तब ऑस्ट्रेलियाई टीम 86 रन पर चार विकेट गंवा चुकी थी। साइमंड्स ने इसके बाद 125 गेंदों पर 143 रनों की पारी खेली। इसके बाद उन्होंने वनडे में पांच और शतक जड़े। 2004 में टेस्ट डेब्यू करने वाले साइमंड्स ने पहला टेस्ट शतक 2006-07 में इंग्लैंड के विरुद्ध बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान लगाया था। हालांकि इस शतक से पहले वह कुछ अर्धशतक भी बना चुके थे।
उनका टेस्ट डेब्यू 2004 में हुआ था और शुरुआती मैचों में कुछ अर्धशतक थे, यह 2006-07 में इंग्लैंड के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट था जिसने 156 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर सफलता प्रदान की। उन्होंने 2008 में सिडनी में भारत के ख़िलाफ़ एक मैच में करियर का सर्वश्रेष्ठ 162 रन बनाया, जो उनके करियर के सबसे विवादास्पद क्षणों में से एक बन गया जब वह हरभजन सिंह के साथ लंबी बहस में उलझ पड़े।
ऑफ़-फ़ील्ड विवाद साइमंड्स से कभी भी ज़्यादा दूर नहीं थे। 2005 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मिली हार से पहले वह नशे में धुत पाए गए थे जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया था। इसके बाद 2008 में टीम मीटिंग के वक़्त वह फ़िशिंग करते हुए पाए गए थे। वहीं 2009 में इंग्लैंड में हुए टी20 वर्ल्ड कप से एक शाम पहले उन्हें ऑस्ट्रेलिया टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया क्योंकि उन्होंने टीम के शराब पीने के नियमों को तोड़ा था। जल्द ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से उनका करार भी रद्द कर दिया गया।
टी20 युग की शुरुआत के साथ साइमंड्स ने 2004 में केंट के लिए खेलते हुए 34 गेंदों में शतक भी जड़ा था। 2008 में आईपीएल की पहली नीलामी के वक़्त उन्हें 1.35 मिलियन अमेरीकी डॉलर में डेक्कन चार्जर्स ने ख़रीदा था। 2012 में संन्यास लेने से पहले वह क्वींसलैंड, डेक्कन चार्जर्स और सरे के लिए खेल चुके थे। उन्होंने बाद में मीडिया का रुख़ कर लिया था और वह ऑस्ट्रेलिया में नियमित तौर पर कॉमेंट्री भी किया करते थे।