उदयपुर। कांग्रेस में हिंदुत्व के मुद्दे पर राजनीति करने को लेकर असमंजस की स्थिति है और यहां चल रहे पार्टी के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में भी यह माहौल उस समय स्पष्ट नजर आया जब पार्टी के कई नेताओं ने हिंदुत्व के मुद्दे पर राजनीति करने का समर्थन किया तो कुछ ने इसका तीखा विरोध किया।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि चिंतन शिविर के दूसरे दिन राजनीतिक समिति की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा। बैठक में केरल के कुछ नेताओं ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव के वक्त मंदिरों में नहीं जाना चाहिए क्योंकि इसका नकारात्मक संदेश मतदाताओं में जाता है और फिर यह प्रचारित किया जाता है कि कांग्रेस नेतृत्व को सिर्फ चुनाव के समय ही मंदिरों की याद आती है। इस मुद्दे को लेकर बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों के बीच खूब चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि जब इस मुद्दे को लेकर सदस्यों में चर्चा चल रही थी तो इसी दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका प्रतिरोध किया और कहा कि राहुल गांधी को ही नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी चुनाव के समय धार्मिक स्थलों का दौरा करना चाहिए। उनका कहना था कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च सभी में कांग्रेसी नेताओं को जाना चाहिए। इससे भारतीय जनता पार्टी को धर्म के नाम पर कांग्रेस पर हमला करने का मौका नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के शीर्ष नेता धार्मिक स्थलों पर नहीं जाएंगे तो भाजपा प्रचार करेगी कि इनको धर्म और धर्म स्थलों से कोई लेना-देना नहीं है और यदि ऐसा होता है तो उसका सीधा लाभ भाजपा को चुनाव के दौरान मिलेगा।
पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि राहुल गांधी चिंतन शिविर के समापन के अगले दिन राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित प्रसिद्ध त्रिपुरसुंदरी मंदिर जाएंगे। यह राजस्थान का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया हर बार चुनाव लड़ने से पहले इस मंदिर में दर्शन के लिए जाती हैं। गांधी का कल चार मंदिरों में जाकर दर्शन करने का कार्यक्रम है।
चिंतन शिविर में कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपनी बात रखी और कहा कि पार्टी को आक्रमकता के साथ जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार की कमियों को सामने लाना चाहिए। बाद में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने भी मीडिया सेंटर में कुछ पत्रकारों से कहा कि प्रियंका वाड्रा को कांग्रेस की कमान सौंपी जानी चाहिए।