जोधपुर। पाकिस्तान की आईएसआई महिला एजेंट ने सेना के एक जवान को हनीट्रैप में फंसाने के बाद सेना से जुड़े कई सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी शेयर किए। सेना के अधिकारियों को इसकी भनक लगते ही जवान को रडार पर रखा।
राजस्थान इंटेलीजेंस की ओर से इसकी पुष्टि होने के बाद 18 मई को जोधपुर से पकड़ा और जयपुर ले गई। पूछताछ में कई जानकारियां सामने आई है। सेना के जवान ने बताया कि वह आर्मी ऑफिस में जाकर महिला को कई सारी इन्फॉर्मेशन शेयर करता था।
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि सीआईडी इन्टैलीजेंस जयपुर द्वारा उक्त सैन्यकर्मी की गतिविधियों पर लगातार सतत निगरानी शुरू की गई। निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि प्रदीप कुमार महिला एजेंट से सोशल मीडिया के जरिए निरन्तर सम्पर्क में है एवं सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा कर रहा है। उक्त सैन्यकर्मी पर कार्रवाई करते हुए 15 मई को बाद दोपहर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि संयुक्त पूछताछ केन्द्र जयपुर पर सभी एजेन्सियों द्वारा पूछताछ करने पर 24 वर्षीय आरोपी ने बताया गया कि यह मूलत कृष्णानगर गली नम्बर 10, पुलिस थाना- गंगनहर, जनपद रूडकी उतराखण्ड का रहने वाला है तथा 3 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। ट्रेनिंग के पश्चात आरोपी का पदस्थापन गनर के पद पर हुआ था। जिसके बाद से ही आरोपी का पदस्थापन अति संवेदनशील रेजिमेन्ट जोधपुर में हुआ था।
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि लगभग 6-7 माह पूर्व आरोपी के मोबाईल फोन पर उक्त महिला का कॉल आया। जिसके पश्चात दोनों वाट्सएप पर चैट वॉइस कॉल एवं वीडियो कॉल द्वारा आपस में बातें करने लगे। छदम नाम की महिला ने अपने आप को ग्वालियर मध्यप्रदेश की रहने वाली एवं स्वयं को बेंग्लूरु में एमएनएस में पदस्थापित होना बताया।
उक्त महिला एजेंट द्वारा आरोपी से दिल्ली आकर मिलने शादी करने का झांसा देकर आर्मी से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेजों के फोटोग्राफ्स मांगना शुरू किया, जिस पर आरोपी द्वारा हनीट्रैप में फंसकर अपने कार्यालय से सेना से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेजात की फोटो चोरी छिपे अपने मोबाईल से खींचकर जरिये वाटसएप महिला एजेट को भेजे गए।
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि आरोपी के फोन की वास्तविक जांच में उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी के विरुद्ध शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया जाकर गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी ने पूछताछ में यह भी बताया है कि उक्त महिला मित्र के चाहने पर अपनी स्वयं द्वारा उपयोग में ली जा रही एक सिम के मोबाईल नम्बर और वाटसएप हेतु ओटीपी भी शेयर किए गए ताकि उक्त भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट अन्य छदम नाम से उपयोग कर अन्य लोगों तथा आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सकें।