उदयपुर। राजस्थान में दस जून को राज्यसभा की चार सीटों पर होने वाले चुनाव के मद्देनजर सत्तारुढ़ कांग्रेस द्वारा चुनाव से पहले अपने एवं समर्थित विधायकों को एकजुट रखने के लिए उदयपुर में की जा रही बाड़ेबंदी में विधायकों के आने का सिलसिला लगातार जारी है और अब तक नब्बे से अधिक विधायक पहुंच चुके हैं।
इस बीच बाड़ाबंदी में निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला की आज सुबह तबीयत बिगड़ गई। हुड़ला की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने से उन्हें उदयपुर के एमबी अस्पताल के कार्डियक विभाग में भर्ती कराया गया है। उल्लेखनीय है कि हुड़ला की दो दिन पहले भी जयपुर में तबीयत बिगड़ी गई थी।
उधर, आज दोपहर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव, विधायक रीटा चौधरी, अमीन कागजी एवं रामकेश मीणा भी जयपुर से विमान से उदयपुर पहुंचे। इससे पहले लगभग नब्बे विधायक उदयपुर पहुंच चुके थे और इनके पहुंचने के बाद नब्बे से अधिक कांग्रेस एवं उसके समर्थित विधायक उदयपुर पहुंच चुके हैं। इन विधायकों को उदयपुर की ताज अरावली होटल में ठहराया गया हैं।
उदयपुर पहुंचने पर डोटासरा ने मीडिया से कहा कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को कांग्रेस समर्थित निर्दलीयो के अलावा बीटीपी आदि क्षेत्रीय पार्टियों का भी समर्थन हैं और पार्टी के तीनों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी एवं मोदी सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका लोकतंत्र में विश्वास नहीं हैं और खरीद फरोख्त उनका मूल एजेण्डा हो गया है।
राजेन्द्र यादव ने कहा कि किसी में कोई नाराजगी नहीं हैं और यह भ्रम है जिसे निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह चलती रहती है कोई खास बात नहीं, पार्टी के तीनों उम्मीदवार जीतेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने महासचिव रणदीप सुरजेवाला, राजस्थान में पार्टी प्रभारी रहे मुकुल वासनिक, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी को अपना उम्मीदवार बनाने के साथ निर्द्रलीय प्रत्याशी सांसद सुभाष चंद्रा को अपना समर्थन दिया है।
राज्य की दो सौ सीटों वाली विधानसभा में विधायकों की संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस के दो एवं भाजपा के एक प्रत्याशी की जीत पक्की मानी जा रही हैं जबकि चौथी सीट के लिए दोनों ही पार्टियों के पास पर्याप्त बहुमत नहीं होने से मुकाबला रोचक होने की संभावना है।
विधानसभा में कांग्रेस के पास 108, भाजपा के 71, निर्दलीय 13, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो-दो एवं राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक हैं। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनके समर्थन में 125 विधायक हैं।