नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को फैसला सुनाया कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ की तो वकील की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उनके खिलाफ न तो प्राथमिकी और न ही कोई शिकायत दर्ज थी।
ईडी ने कहा कि वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी धन शोधन से जुड़ा है या इसमे शामिल हैं। ईडी ने जैन को 30 मई को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
इससे पहले, विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने एक वकील को एक जैन से दूरी बनाकर उपस्थित रहने की अनुमति दी थी, जहां से वह आरोपी को देख सकता है लेकिन उसे सुन नहीं सकता।
ईडी ने इसके खिलाफ दलील देते हुए कहा कि जैन और वकील एक दूसरे को संकेत कर सकते हैं और एक दूसरे को जानकारी साझा कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा कि जैन के खिलाफ न तो कोई प्राथमिकी है और न ही कोई शिकायत है, वह अपना बयान दर्ज कराते समय किसी वकील के रहने की मांग पर जोर नहीं दे सकते हैं।