सिरोही। सिरोही में कोतवाली पुलिस ने एक इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद कम्पनी के सीईओ व अन्य कार्मिकों पर धोखाधड़ी करके लाखों रुपए की अमानत में खयानत करने का प्रकरण दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में सिरोही निवासी नमिता पत्नी दीपक अग्रवाल ने बताया कि इस्कॉन प्लाजा में नमिता डिस्ट्रीब्यूटर नाम की फर्म है। उनके पति भी उनके साथ मोबाइल कम्पनी के केयर सेंटर में काम करते हैं। गत 12 मार्च 2019 को आईएफबी कम्पनी के पदाधिकारी से सम्पर्क हुआ। उन्होंने उन्हें सिरोही, जालोर और सुमेरपुर में कम्पनी के इक्यूमेंट्स के मेंटिनेंस की डीलरशिप दी।
इसके लिए उसी दिन कम्पनी के अकाउंट में दो लाख रुपए स्थानांतरित कर दिए गए। कम्पनी के पदाधिकारी आलोक कटियार, प्रशांत शर्मा और जयसिंह मीणा उनके यहां आए और 7 लाख रुपए के स्पेयर पार्ट उन्हें दे गए। कम्पनी के कहने पर 12-12 हजार रुपए के तीन तकनीशियन भी उन्होंने रखे। इनकी तीन महीने की तनख्वाह भी कम्पनी ने नहीं दी।
इस बीच कम्पनी ने बिना पूर्व नोटिस के उनकी फ्रेंचाइजी रद्द कर दी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि फ्रेंचाइजी रद्द करने के बाद भी कम्पनी के पदाधिकारी उनकी आईडी को काम में लेते रहे।
पीड़िता ने बताया कि फ्रंचायजी बन्द करने के बाद 27 अक्टूबर 2020 को कम्पनी को करीब साढ़े छह लाख रुपए का सामान लौटा दिया गया जिसका बिल भी बनाया गया।
इन्होंने आरोप लगाया कि कम्पनी पदाधिकारी ने उक्त साढ़े छह लाख रुपए समेत, क्लेम राशि, सिक्योरिटी और तकनीशियन की तनख्वाह का भुगतान उसे नहीं किया गया है।
पीड़िता ने बताया कि कम्पनी से कई बार सम्पर्क करने पर उन्होंने जवाब दिया कि कम्पनी उन्हें सिर्फ तीन लाख 95 हजार रुपए ही दे सकती है। पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज करके एएसआई शैतान सिंह देवड़ा को जांच सौंप दी है।