नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि गुजरात दंगों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत आरोप लगाए गए थे और यह आरोप लगाने वाले लोगों को अब मोदी, देश और भारतीय जनता पार्टी से माफी मांगनी चाहिए।
शाह ने आज अपने एक साक्षात्कार के अंशों को सिलसिलेवार ट्वीट में सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा कि न्यायालय के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सभी आरोप राजनीतिक षड्यंत्र के तहत लगाए गए थे और अब आरोप लगाने वाले लोगों को मोदी से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ये फिर एक बार सिद्ध हुआ है कि नरेंद्र मोदी जी पर लगाए गए आरोप एक राजनीतिक षड्यंत्र था। मोदी जी बिना एक शब्द बोले, सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह 18-19 साल तक सहन करके लड़ते रहे। अब सत्य सोने की तरह चमकता हुआ बाहर आया है, यह गर्व की बात है।
हाल ही में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई पूछताछ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए धरने और विरोध प्रदर्शनों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि लोकतंत्र में संविधान का सम्मान कैसे हो सकता है इसका आदर्श उदाहरण नरेंद्र मोदी जी ने प्रस्तुत किया है। मोदी जी से घंटों पूछताछ हुई लेकिन हमने कोई धरना-प्रदर्शन नहीं किया। झूठे आरोप लगाने वाले लोगों की अगर अंतरात्मा है तो उन्हें मोदी जी, भाजपा और देश से माफी मांगनी चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में शाह ने कहा कि मैंने मोदी जी को इन सभी झूठे आरोपों के दर्द को सहन करते हुए बहुत करीब से देखा है। न्यायिक प्रक्रिया चल रही है इसलिए झूठे आरोपों पर भी कुछ ना बोलना…ये स्टैंड देश की न्याय प्रणाली में विश्वास रखने वाला नरेंद्र मोदी जी जैसा कोई मजबूत मन वाला व्यक्ति ही ले सकता था।
शाह ने कहा कि देश की जनता ने इन आरोपों को कभी स्वीकार नहीं किया और वह आज भी मोदी के साथ खड़ी है। उन्होंने ट्वीट किया कि कुछ पत्रकारों, एनजीओ और भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों ने मोदी जी पर झूठे आरोप लगाकर एक संगठित गिरोह की तरह उन्हें प्रचारित किया। लेकिन देश की जनता ने इन आरोपों को कभी स्वीकार नहीं किया। लोकतंत्र में जनादेश का बड़ा महत्व है और इतने साल से देश की जनता दिल से मोदी जी के साथ खड़ी है।