सिरसा। पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को हरियाणा के सिरसा में स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहिम सिंह को नकली बताने वाली याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई है।
न्यायाधीश कर्मजीत सिंह ने आज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह कोई फिल्म नहीं चल रही है। उच्च न्यायालय ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि लगता है कि आपने कोई फिक्शनल फिल्म देख ली है। पैरोल पर आया राम रहीम कैसे गायब हो सकता है। उन्होंने याचिकाकर्ता फटकार लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।
चंडीगढ़, पंचकूला और अंबाला के कुछ तथाकथित डेरा श्रद्धालुओं ने उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं याचिका में संदेह जताया है कि उत्तर प्रदेश के बागपत आश्रम में पहुंचा गुरमीत राम रहीम बहुरू पिया है, असली नहीं। और उनके हावभाव असली गुरु गुरमीत राम रहीम सिंह जैसे नहीं हैं।
वहीं डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन ने इसे श्रद्धालुओं को गुमराह करने की साजिश करार दिया है। डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा कि याचिका दायर करने वाले डेरा के अनुयायी नहीं हैं। डेरे के अनुयायियों को तो गुरू जी पर पूरा भरोसा हैं। यह सब शरारती तत्वों की ओर से की गहरी साजिश है। प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के नकली होने के आरोप निराधार हैं। वह उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में हैं। उन्होंने बताया कि करीब आठ माह पहले भी इन्हीं लोगों ने डेरा प्रमुख की जान को खतरा बताते हुए याचिका दायर की थी।