खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के ऊन थाना क्षेत्र के केली ग्राम में कथित तौर पर अवैध संबंधों का आरोप लगाकर एक 45 वर्षीय महिला और उसके चाचा की पिटाई कर महिला को आदिवासी कुप्रथा के नाम पर पति को कंधे पर बिठाकर गांव में घुमाने का मामला सामने आया है।
पुलिस ने इस घटना के वीडियो वायरल होने पर स्वतः संज्ञान लेकर महिला के पति समेत आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। खरगोन के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि ऊन थाना क्षेत्र के केली ग्राम में 30 जून को हुई उक्त घटना के सिलसिले में कल वीडियो वायरल होने के उपरांत सात नामजद और करीब 25 लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर उसके पति मगन समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि कल एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें 45 वर्षीय महिला से बुरी तरह मारपीट करने के बाद कथित आदिवासी कुप्रथा के नाम पर उसे उसके पति को कंधे पर बैठाकर घुमाते दर्शाया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि इस विषय में कोई शिकायत सामने नहीं आई थी लेकिन पुलिस ने स्वतः मामले को संज्ञान में लेकर विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने आज घटना का खुलासा करते हुए बताया कि 30 जून को केली के सरपंच अमर सिंह ने डायल 100 पर एक पारिवारिक विवाद होने की सूचना दी थी, जिसके चलते ऊन थाने से उप निरीक्षक सुरेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे थे। उन्होंने वहां महिला और उसके चाचा अनार सिंह को भीड़ से बचाकर थाने लाने के उपरांत शारीरिक परीक्षण कराया।
उन्होंने बताया कि महिला और अनार सिंह को हल्की चोटें थी लेकिन इसी दौरान ग्रामीणों के हस्तक्षेप के चलते दोनों पक्षों में समझौता हो गया। उन्होंने बताया कि महिला या किसी अन्य ने इस दौरान पुलिस को पति को कंधे पर बैठाने की घटना के बारे में नहीं बताया था। इसके बाद महिला बड़वानी जिले के नागलवाड़ी कोदरा स्थित अपने ससुराल रवाना हो गई। पुलिस ने अनार सिंह की ओर से आवेदन पर असंज्ञेय अपराध भी दर्ज किया था।
कल महिला द्वारा पति को कंधे पर बिठाए जाने और उसे पीटे जाने का वीडियो वायरल होने पर खरगोन के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस राकेश मोहन शुक्ला समेत पुलिस बल मौके पर भेजा गया था और घटनाक्रम को लेकर प्रकरण दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि महिला की करीब 25 वर्ष पूर्व नागलवाड़ी के मगन से शादी हुई थी और उसके 4 बच्चे हुए, जिनकी भी शादी हो चुकी है। महिला के पति द्वारा उसके ससुर की हत्या कर दी गई थी जिसके चलते उसे आजीवन कारावास की सजा हो गई थी। पति के जेल चले जाने के बाद महिला बच्चों के साथ मायके आ गई। सात वर्ष के उपरांत जेल से रिहा होने के चलते पति मगन उसे अपने साथ घर ले गया लेकिन विवाद के चलते वह पुनः मायके आ गई और स्थानीय खेतों में और महाराष्ट्र जाकर मजदूरी करने लगी।
इसी दौरान करीब 5 माह पूर्व उसके चाचा अनार सिंह ने खेती में हाथ बंटाने का प्रस्ताव देकर उसे अपने साथ रख लिया। ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताई और उन्हें शक था कि दोनों के मध्य अवैध संबंध है।
29 जून पंचायत बैठाए जाने पर महिला अपने पति के साथ जाने को राजी हो गई। लेकिन वह अगले दिन शौच के बहाने उन्हें चाचा अनार सिंह के यहां चली गई। इसके चलते आक्रोशित महिला के पति मगन और अन्य ग्रामीणों ने उसकी और अनार सिंह की पिटाई की और पति के साथ वापस ले जाने की कथित आदिवासी परंपरा के चलते पति को कंधे पर बिठा कर घुमाया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हालांकि इस मामले को लेकर किसी ने भी शिकायत नहीं की थी और महिला अपने पति के साथ ससुराल चले गई थी। इसके बाद वह विवाद के चलते 4 जुलाई को पुनः अपने मायके आ गई थी।
उन की थाना प्रभारी गीता चौहान ने बताया कि महिला ससुराल नहीं जाना चाहती है, और फिलहाल अपने मायके जाने से भी डर रही है इसलिए उसे उपचारित कराने के उपरांत वन स्टॉप सेंटर खरगोन में भर्ती कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खरगोन में भर्ती कराने से घटना की प्रारंभिक विवेचना में मदद मिलेगी। महिला ने महाराष्ट्र में मजदूरी कर रहे अपने बच्चों के पास भी जाने की इच्छा व्यक्त की है।