अजमेर। तुलसी सेवा संस्थान का गुरुपूर्णिमा महोत्सव सोमवार को कथावाचक किरीट भाई के सान्निध्य में जवाहर रंगमंच में मनाया गया।
प्रचार प्रसार मंत्री अशोक टाक ने बताया कि अध्यक्ष ओमप्रकाश मंगल, काली चरण खंडेलवाल, घनश्याम अग्रवाल की अगुवाई में किरीट भाई का स्वागत पुष्पों से किया गया। करीब दो साल के अंतराल के बाद किरीट भाई का भक्तजनों के बीच आना हुआ।
भजन गायक सुनील गोयल ने गुरुवंदना गुरु देव दया कर हमको अपना लेना… से कार्यक्रम शुरूआत की। इस मौके पर किरीट भाई ने प्रवचन के दौरान गुरू महिमा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपने गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए, अटूट विश्वास होना चाहिए।
परिवार के बडे सदस्य की तरह गुरु को अपने शिष्यों की सदैव चिंता रहती है। गुरु एक स्कूल मास्टरजी (टीचर) की तरह होता हैं। उसका कोई भी विद्यार्थी पीछे न रहे, फेल ना हो यह प्रयास रहता है। विद्यार्थी आगे बढ़ता है तो अपने स्कूल और मास्टर जी नाम रौशन होता है।
गुरु अपने शिष्यों को आगे बढ़ने एवं श्री ठाकुरजी जी तक पहुंचने के मार्ग की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को अच्छे संस्कार देने की जरुरत है ना कि सेलफोन (मोबाईल) देने की। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि परिवार में आपने कन्या का दान कर दिया तो उसके सुसराल में कम से कम बात करें, दखल ना करें।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि छोटे श्रीयंत्र एवं बड़े श्रीयंत्र मैं कोइ फर्क नहीं है। ठाकुरजी यानी लड्डू गोपाल की छोटी मूर्ति हो या बड़ी मूर्ति, उसके पावर मैं कोई फर्क नहीं। दोनों ही समान रूप से पावरफुल होती है। महत्वपूर्ण यह है कि आप ठाकुरजी के प्रति कितनी अधिक श्रद्धा रखते हो।
इस मौके पर विभिन्न शहरों से गुरुभक्त पधारे। सभी के लिए श्रीराम धर्मशाला मैं आवास व भोजन की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गठित कमेटियों के किशन बंसल, राजेंद्र अग्रवाल, कृष्णकांत शाह, अशोक टाक, कैलाश खंडेलवाल, विष्णु चौधरी, कालीचरण खंडेलवाल, दिनेश परनामी, विष्णु प्रकाश गर्ग, प्रेम बिन्दल, प्रकाश चूंडावत, सरला धाबाई, शशि मूंदड़ा, इंदु टाक, सुबोध वैष्णव, शशि चौधरी का विशेष योगदान रहा।