भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में डीग क्षेत्र में आत्मदाह करने बाले संत विजयदास की मौत के मामले में जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी आज पसोपा गांव पहुंची।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सांसद बृजलाल यादव की इस कमेटी के दौरे के दौरान सांसद बाबा बालकनाथ ने कलक्टर एवं संभागीय आयुक्त के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कमेटी के सदस्यों के सामने शिकायत दर्ज कराई। सांसद बालकनाथ ने कहा कि जिला कलक्टर एवं संभागीय आयुक्त ने सभी गांव वालों को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की धमकी दी थी।
बालकनाथ ने आरोप लगाया कि गांव वालों को धमकी दी जा रही है कि बाबा तो गया, लेकिन तुम गांव वालों में से कोई कुछ भी किसी को बोलेगा तो तुम्हारे खिलाफ पेट्रोल लाने का, माचिस देने का, बाबा को भड़काने का मुकदमा लगाएंगे। तुम्हारे जवान बच्चों के खिलाफ भी मुकदमा लगाएंगे, फिर वो नौकरी पर नही लग पाएंगे। इस दौरान बाबा बालकनाथ ने कमेटी के सामने एकत्रित हुई भीड़ से पुछा कि तुम को धमकाया गया था ना, तो भीड़ में खड़े लोगों ने एक स्वर में हां कहा।
इस बीच राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि ब्रज क्षेत्र के तीर्थ स्थल पहाड़ों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली और आदि बद्री और कनकांचल पहाड़ों को बचाने के लिए संतों को 550 दिन से भी ज्यादा आंदोलन करना पड़ा। संतों को पूरा विश्वास हो गया की माफियाओं का पूरा जाल यहां पर है और प्रदेश सरकार का पूरा संरक्षण उनके ऊपर है। यहां पर अवैध खनन चलता रहेगा। इससे कनकांचल और आदि बद्री पर्वत बचेगा नहीं।
इससे हैरान और परेशान होकर बाबा हरि बोल दास ने पिंडदान किया। दूसरे संत बाबा नारायण दास टावर पर चढ़े, संतों का मानना था की, सद्बुद्धि सरकार को आ जाए। इससे परेशान होकर संत विजय दास ने आत्मदाह किया। सरकार के लोग एक-एक व्यक्ति को डराने और धमकाने का काम कर रहे हैं।