चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास के दोषी मुरुगन उर्फ वी. श्रीहरन के खिलाफ दर्ज एक अश्लील मामले में शीघ्र सुनवाई का आदेश दिया और प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली उसकी याचिका खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि मुरुगन कथित तौर पर जेल अधिकारियों के सामने नग्न खड़ा था और अश्लील इशारे किए थे, जब नौ दिसंबर, 2020 को वेल्लोर सेंट्रल जेल में उसके सेल से वल्लरई, तुलसी और अन्य सूखे पत्तों का एक पैकेट जब्त किया गया था। इसके बाद उसके खिलाफ एक आपराधिक मामला दायर किया गया था।
अपने वकीलों के माध्यम से इस आपराधिक मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द करने की मांग संबंधी मुरुगन की ओर से दायर एक याचिका पर आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार ने निर्देश दिया कि अतिरिक्त लोक अभियोजक ई राज तिलक ने प्रस्तुत किया कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोप पत्र भी दायर किया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि मुरुगन की याचिका को बंद कर दिया गया है।
जेलर जे. मोहनकुमार की शिकायत के बाद वेल्लोर के बगयम थना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, जेल के उच्च सुरक्षा क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात एक गार्ड ने एक अपराधी डी. गेब्रियल को उस दिन मुरुगन को कुछ पैकेट देते हुए देखा था। जब एक महिला सहित जेल प्रहरियों की एक टीम एक वीडियो कैमरे के साथ उनके सेल की तलाशी लेने गई, तो मुरुगन ने खड़े होने और जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया। जब उसे उठने के लिए मजबूर किया गया तो पत्तों वाला पैकेट फर्श पर पड़ा मिला जहां वह बैठा था।
मुरुगन ने दावा किया कि वह उन्हें पूजा के लिए इस्तेमाल कर रहा था। उसने महिला स्टाफ समेत गार्डों के सामने खुद को नंगा भी कर लिया और वीडियो कैमरे की तरफ अश्लील इशारे भी किए थे। जेलर ने अपनी शिकायत में दोषी पर गंदी भाषा का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया और जेल प्रहरियों पर अपने कपड़े, पानी के डिब्बे, चादर, झाड़ू एवं साबुन भी फेंके तथा उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका। मुरुगन ने हालांकि अपनी याचिका में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से साफ इनकार किया है।