खण्डवा। मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के आदिवासी बहुल ग्राम में एक आदिवासी परिवार की तीन सगी बहनों ने पेड़ से एक ही रस्सी से लटककर आत्महत्या कर ली।
एडिशनल एसपी सीमा अलावा ने बताया कि खण्डवा के समीपस्थ थाना जावर के अंतर्गत ग्राम कोठाघाट में आदिवासी हरलीबाई जामसिंह मुजाल्दे अपने परिवार के साथ रहती है जिसमें 5 बेटियां और 3 बेटे है।
कल रात घर में हरलीबाई उसका बेटा भुरू और उसकी पत्नी, छोटा बेटा रवि (12) और तीन बेटियां सनू (23), सावित्री (20) और ललिता (19) घर में खाना खाने के बाद सो गई थी। इसके बाद रात में हरलीबाई की नींद खुली तो उसने दूसरे कमरे में जाकर देखा तो तीनो बेटियां गायब थी।
कमरे की बाहर से कुण्डी लगी हुई थी और आसपास कहीं कोई नज़र नहीं आ रहा था। वह रात में टोर्च लेकर निकली तो करीब ही एक नीम के पेड़ से तीनों बहने एक ही रस्सी से गले में फन्दा डालकर लटकी हुई थी। इस बीच शोर मचाया तो गांव के और भी लोग आए। पुलिस को सूचना देने के बाद तीनों शवों को पेड़ से उतारा गया।
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि अभी जो शॉर्ट रिपोर्ट आई है उसमें आत्महत्या बनाया गया है। एंटी मार्टम हैगिंग यानी मारने के बाद लटकाए जाने की कोई आशंका नहीं है। उन्होंने बताया कि शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं है और न ही उनके साथ किसी दुष्कृत्य का कोई साक्ष्य मिला है। उन्होंने बताया कि यह जानकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया है, विस्तार से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कल तक मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पुलिस अब आत्महत्या के कारण का पता लगाने में जुटी है।
बताया गया कि तीनों बहने मोटरसाईकल से कल बाजार गई थी और शाम को घर आ गई थी। परिजनों ने साथ में खाना खाया। जब उसकी मां ने दस बजे उठी तो बाहर से कुण्डी लगी थी उसने भुरू को जगाया और पीछे के दरवाजे से निकलकर बाहर देखा तो टॉर्च के उजाले में वे तीनों नीम के पेड़ पर लटकी दिखी। उन्होंने बताया कि रस्सी नई थी, पूरे मामले की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि क्या कारण रहा।