नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की जांच में बरामद संपत्ति में ‘ऊपर के हिस्सेदार’ का नाम उजागर करने की मांग की।
केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आज आप सबके माध्यम से मैं देश की जनता को याद दिलाना चाहती हूं कि जो लोग मां, माटी, मानुष का नारा देते थे। आज वो केवल एक ही आवाज निकाल रहे हैं पैसा, पैसा पैसा। इस शब्द के अलावा उनके पास कहने को कुछ नहीं है।
लेखी ने कहा कि यदि पार्थ चटर्जी के दस्तावेज देखें जाएं, चाहे अर्पिता की आवाजें सुनी जाए, चाहे इनके मंत्रियों के यहां जो छापे पड़े उनकी कहानी देखें, तो एक ही बात समझ में आती है कि करीब 50 करोड़ रुपए अर्पिता के यहां से बरामद हुए और 9 किलो के आसपास सोना मिला है, अनगिनत संपत्ति के दस्तावेज मिलें हैं।
उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी की एक और जानकार मोनालिसा दास जो 2014 में एक विश्वविद्यालय में भर्ती हुई, आज वो वहां प्रोफेसर हैं और बांग्ला विभाग की अध्यक्ष हैं। उनके नाम पर 10 फ्लैट के कागज हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हैरानी की बात ये है कि जहां पैसे का अंबार निकल रहा है, वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी एकदम चुप बैठी हैं। नारदा, शारदा चिटफंड, कोयला एवं आज जो शिक्षक भर्ती में घोटाले सामने आए हैं, ईडी को इसकी अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अर्पिता मुखर्जी के दो बयान आए हैं। उन्होंने कहा है कि पार्थ चटर्जी ने उनके घर को एटीएम बना दिया था। अर्पिता ने दूसरी बात यह कही है कि नीचे से ऊपर तक पैसा जाता था। उन्होंने सवाल किया कि नीचे वाले कौन है ये तो समझ में आ गया, लेकिन ऊपर वाले कौन है, ये भी सामने आना चाहिए। लेखी ने कहा कि यह पता चलना चाहिए कि इस संपत्ति में किस किस को कितना हिस्सा मिला है और ये कैसे अर्जित की गई है।
अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से 22 करोड़ रुपए की नकदी बरामद
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