नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने वरिष्ठतम न्यायाधीश उदय उमेश ललित को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित करने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति रमना ने केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय को तीन अगस्त को भेजी गई सिफारिश पत्र की एक प्रति गुरुवार को न्यायमूर्ति ललित को सौंपी।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के सचिवालय को बुधवार को कानून और न्याय मंत्रालय से एक पत्र मिला, जिसमें उनसे (न्यायमूर्ति रमना) अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया गया था।
भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वरिष्ठता क्रम में उनके बाद न्यायमूर्ति ललित आते हैं, जो (सिफारिश के अनुसार) 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।
वकालत करते हुए 13 अगस्त 2014 को सीधे सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने वाले न्यायमूर्ति ललित के 27 अगस्त, 2022 को कार्यभार संभालने की संभावना है। यदि वह मुख्य न्यायाधीश बनते हैं (जिसकी पूरी संभावना है) तो वह दो महीने 13 दिनों के बाद आठ नवंबर 2022 तक इस पद पर बने रहेंगे।
न्यायमूर्ति ललित को 1983 के जून में एक वकील के रूप में पंजीकृत किया गया था और उन्होंने दिसंबर 1985 तक बम्बई उच्च न्यायालय में वकालत की थी। उन्हें अप्रैल 2004 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी मामलों में सुनवाई करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) के रूप में नियुक्त किया था।