जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेशवासियों से अपील की है कि हमें मिलकर आदिवासियों एवं दलितों के साथ भेदभाव को खत्म करना होगा। राज्य सरकार की मूल भावना भी सभी को समान अधिकार प्रदान करने की है।
गहलोत सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्टेडियम में ध्वजारोहण कर परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व स्वतंत्रता दिलाने और आजादी के बाद भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए बलिदानों को हम कभी भूल नहीं सकते। इन्हीं की वजह से भारत हमेशा एकजुट रहा जबकि कई देशों के टुकड़े हो गए।
उन्होंने इस मौके प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन देश की आजादी के लिए चली लंबी लड़ाई में ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की रहनुमाई में अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारत आगे बढ़ा है। इसीलिए विश्व में भारत का मान-सम्मान अलग पहचान रखता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के मजबूत लोकतंत्र की पहचान को कायम रखने की हम सभी की बड़ी जिम्मेदारी है। भारतीय संविधान की मूल भावनाओं में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने लोकतंत्र में समाजवाद, सर्वधर्म सदभाव की जो बात रखी, उसी ने 75 वर्षों में हमें एकजुट और अखंड बनाए रखा है और हमारा राष्ट्रीय ध्वज मजबूती से लहरा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी से पूर्व स्वतंत्रता दिलाने और आजादी के बाद भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए बलिदानों को हम कभी भूल नहीं सकते। इन्हीं की वजह से भारत हमेशा एकजुट रहा, जबकि कई देशों के टुकड़े हो गए।
गहलोत ने कहा कि हर व्यक्ति को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क ओपीडी, आईपीडी, निःशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट का खर्च भी सरकार स्वयं वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी राजस्थान मॉडल अपनाकर देशवासियों को निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध करानी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में राजस्थान नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी का सफल परिणाम है कि आज उच्च शिक्षा में लड़कों से ज्यादा लड़कियां प्रवेश ले रही हैं। प्रदेश में राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोल कर अभिनव प्रयोग किया गया है। यहां बच्चे प्राइमरी से अंग्रेजी पढ़ना, लिखना और बोलना सीख रहे हैं। सरकार जल्द ही 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन देगी, जिससे वे बातचीत के साथ राजकीय योजनाओं के बारे में जानकारी ले सकेंगी और उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हर प्रदेशवासी की सामाजिक सुरक्षा हमारा मुख्य ध्येय है। वर्तमान में लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन मिल रही है। जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, विद्युत, सामाजिक सुरक्षा सहित आधारभूत ढांचे का विस्तार और विकास किया जा रहा हैै।
गहलोत ने युवाओं से आह्वान किया कि उन्होंने राष्ट्र और मानवता के जो सपने देखे हैं, उन्हें कृतसंकल्पित होकर पूरा करें। सरकार युवाओं की भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। प्रदेश का अगला बजट युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी को जाति, धर्म से हटकर प्रदेश की तरक्की में एकजुट होकर भागीदारी निभानी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। राज्य के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार किया गया है और सड़कों का जाल बिछाया गया है। निःशक्त और वरिष्ठ नागरिकों के लिए राशन की होम डिलीवरी की सुविधा, जयपुर और जोधपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-मित्र एट होम शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिफाइनरी का जो सपना देखा था, वह पूरा हो रहा है। प्रदेश के 13 जिलों में पानी की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए, ताकि पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1.29 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। एक लाख प्रक्रियाधीन हैं, जिनमें परीक्षाएं, साक्षात्कार सहित अन्य प्रक्रिया चल रही है। वहीं, आने वाले समय में एक लाख नौकरियां और दी जाएंगी। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि रीको द्वारा हर ब्लॉक में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के 45 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली बिल शून्य हो गए हैं। वर्ष 2022-23 के बजट में कृषि बजट अलग से पेश करने वाला राजस्थान पूरे देश में पहला राज्य बना गया है। कृषि बजट में मिशन मोड के जरिए किसानों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि विदेशी कंपनियों में राज्य में निवेश को लेकर काफी उत्साह है। अक्टूबर में इंवेस्ट राजस्थान का आयोजन होगा। इसके लिए अभी 10 लाख करोड़ रूपये के एमओयू हो चुके हैं। अपने संबोधन में श्री गहलोत ने कोरोनाकाल में जनसहयोग करने के लिए प्रदेशवासियों को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने इस अवसर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा 14 अगस्त 1947 की रात 12 बजे देश के नाम दिए गए संबोधन के कुछ अंश भी पढ़कर सुनाए।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं आमजन संविधान की मूलभावना के अनुरूप आचरण करने और संविधान में प्रदत्त कर्तव्यों की पालना करने का संकल्प लें।
इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों, लोक कलाकारों ने लोकगीतों, नृत्य, बैंड वादन के जरिए देशभक्ति और लोक संस्कृति की छटा बिखेरी। अंत में राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।
स्वाधीनता सेनानियों, शहीदों के परिजनों और वीरता पुरस्कार विजेताओं का सम्मान
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र स्वाधीनता दिवस पर आज शाम यहां भारत अमृत महोत्सव समिति, जयपुर की ओर से आयोजित स्वराज 75 कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। अल्बर्ट हॉल, रामनिवास बाग में आयोजित कार्यक्रम में मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ स्वाधीनता सेनानी और क्रांतिकारियों के वंशजों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई, मंगल पाण्डे, तात्या टोपे, बहादुरशाह जफर, बिरसा मुण्डा, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, रामकृष्ण खत्री, शचीन्द्र नाथ बख्शी, भगत सिंह, सुखदेव थापर, राजगुरु, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपतराय, वीर सावरकर, महावीर सिंह, ऊधम सिंह, लाला हरिराम बहल, शहीद रामकिशन, ठाकुर रोशन सिंह, पं. अर्जुनलाल सेठी, केसरी सिंह बारहठ, ठाकुर कुशल सिंह, गोविन्द गुरु, शहीद दुर्गा सिंह के वंशजों और परिजनों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
मिश्र ने और गहलोत ने राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानी कालिदास स्वामी, हुकुमचंद सैनी, रामजीलाल यादव, ओमप्रकाश पाण्डे, रामू सैनी का भी स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनन्दन किया।