जयपुर। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आपराधिक घटनाओं के प्रति संवेदनशील नहीं होने और उन्हें रोकने के लिए पूरी तरह नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
डा पूनियां ने जयपुर जिले के जमवारामगढ़ में महिला को जलाने और प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर आज यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस शासन में यह पहली घटना नहीं है, इस तरीके की घटनाएं साल में कई हो रही हैं और अब तक पूरे प्रदेश में सात लाख से अधिक मुकदमे, औसतन 18 बलात्कार और सात हत्याएं प्रतिदिन, यह अपने आप में आंकड़ा कांग्रेस सरकार के कामकाज की कानून व्यवस्था की बानगी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की नाक के नीचे हुई यह घटना जैसी घटनाएं सुदूर किसी आदिवासी ,सीमावर्ती एवं मेवात के क्षेत्र में होती है, जब अपराधी बैखोफ होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की शिथिलता, लापरवाही और कानून व्यवस्था के प्रति उसकी संवेदनहीनता यह ऐसे मामलों को और ज्यादा प्रेरित करती है और यह घटना भी जो जमवारामगढ़ के रायसर गांव में घटित हुई, एक दलित महिला शिक्षिका के साथ में यह समाज के लिए आंख खोलने वाली घटना है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन यदि तत्पर होते, यदि उसकी सुनवाई होती तो यह घटना नहीं होती। घटनाओं की लंबी फेहरिस्त है और दुर्भाग्य है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री इस तरीके की घटनाओं के प्रति न तो संवेदनशील हैं और उनको रोकने के लिए पूरी तरह से नाकाम भी हैं।
मंत्रियों और विधायकों द्वारा विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर किए गए सवाल पर डॉ. पूनियां ने कहा कि यह सरकार ही गैर-जिम्मेदार है, इसलिए सरकार का मंत्री जिम्मेवार होगा इसकी कैसे उम्मीद कर सकते हैं जबकि मुख्यमंत्री खुद गैर जिम्मेवार हों ऐसे में कांग्रेस सरकार की अब जो पॉलिटिक्स है वो प्रतिशोध, ईर्ष्या एवं तुष्टीकरण की राजनीति है, इसलिए कांग्रेस का कोई मंत्री निरपेक्ष होकर काम करेगा इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है।