जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, अवैध खनन, साधु-संतों पर अत्याचार, मॉब लिंचिंग, हिंदुओं पर हो रहेे अत्याचार आदि मुद्दों को लेकर 20 अगस्त को जयपुर में प्रदर्शन करेगी।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने आज प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा राजस्थान इकाई ने यह निश्चित किया है 20 अगस्त को जयपुर में इसे लेकर विशाल प्रदर्शन होगा, हम लोग शहीद स्मारक पर इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे, जिसमें पार्टी कई नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासन में सबसे ज्यादा पीड़ित और प्रताड़ित कोई है, वह अनुसूचित जाति और जनजाति तबके हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक के बाद एक अपराधों की जो फेहरिस्त बढी हुई है, यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, अभी ताजातरीन मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी, अलवर के गोविंदगढ़ में चिरंजीलाल सैनी की हत्या, पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज वहां तथ्यात्मक जांच के लिए गया है।
उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ जिले में कल साधु की हत्या हुई, जयपुर जिले के जमवारामगढ़ में एक महिला शिक्षिका की जलाकर हत्या कर दी गई, आज जयपुर में एक साधु ने आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की है, इस तरीके की घटनाएं स्पॉन्सर्ड नहीं होती हैं, अपराध तभी होता है जब अपराधी बेखौफ होता है।
कोई हत्या और कोई आत्मदाह या आत्महत्या का कारण दुष्प्रेरण जरूर होता है। उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की नृशंस हत्या, भीलवाड़ा में आदर्श तापड़िया की हत्या, चित्तौड़गढ़ में रतन सोनी की हत्या, झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि की हत्या, अलवर में हरीश जाटव और योगेश जाटव की हत्या, इस तरीके से पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि भाजपा एक जिम्मेदार प्रतिपक्ष के नाते अनेक उपक्रमों के जरिए राज्य सरकार को चेताते रही, जिसमें सड़क से लेकर सदन तक सरकार को हमने जगाने और चेताने का काम निरंतर किया है। लेकिन कांग्रेस सरकार की नीयत में खोट है, सरकार ने इस तरीके का उपक्रम किया है कि अपराधों और अपराधियों पर नकेल डालने के बजाय उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति शुरू की है, इसी कारण करौली की घटना हुई, जोधपुर, भीलवाड़ा की घटनाएं हुई, क्योंकि सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति को प्रश्रय दिया।
डा पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाओं के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत जब गुजरात में प्रेस को संबोधित कर रहे थे तो उनको इस बात की जानकारी नहीं थी कि प्रदेश में उनकी नाक के नीचे क्या घटित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक बानगी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाओं पर कितने संवेदनहीन हैं और कितने अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार को साढे तीन सालों में कोई पूर्णकालिक गृहमंत्री मिला ही नहीं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हालातों से ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री को राजस्थान की जनता की जनसुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है, उन्हें कोई सरोकार है तो अपनी कुर्सी से है, कुर्सी की सुरक्षा उनके लिए जनसुरक्षा से बड़ी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में साढ़े तीन वर्षों में अब तक सात लाख, 97 हजार 693 मुकदमे दर्ज हुए हैं, यह पहली बार हुआ है जो कभी नहीं हुआ।
इनमें छह हजार 325 हत्याएं हो चुकी हैं, पांच हजार से भी अधिक लूट की वारदात हो चुकी हैं, चोरी की वारदात एक लाख 29 हजार 489 हो चुकी हैं, महिलाओं पर अत्याचार के मामले एक लाख 45 हजार 288 दर्ज हो चुके हैं, बच्चियों, महिलाओं पर रेप एवं गैंगरेप से संबंधित मामलों में 22 हजार 148 दर्ज हो चुके हैं, 26 हजार 794 मामले अनुसूचित जाति से संबंधित मामले दर्ज हुए।