शिमला। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल और ड्राइवर भर्ती पेपर लीक मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि जय राम ठाकुर सरकार की ओर से जांच अपने हाथ में लेने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए 30 नवंबर को सीबीआई पुलिस थाने शिमला में दो प्राथमिकी दर्ज की गई। एक अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ 18 मई को हुआ था।
सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया। हिमाचल पुलिस ने कांगड़ा के गग्गल और शिमला के सीआईडी थाने में गत पांच और सात मई को दो मामले दर्ज किए थे। केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के लिए सहमति दी थी।
एक हजार 334 पदों के लिए 27 मार्च को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 75 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे। इसी तरह चालकों के 94 पदों के लिए 11 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। पुलिस ने उन उम्मीदवारों की जांच करने का फैसला किया जिन्होंने 70 में से 65 से अधिक अंक प्राप्त किए।
पुलिस जांच के दौरान यह सामने आया कि नूरपुर (कांगड़ा) के मनीष कुमार, फतेहपुर (कांगड़ा) के मनी चौधरी, कांगड़ा के गौरव और कई अन्य लोगों ने परीक्षा से एक या दो दिन पहले गग्गल, चंडीगढ़, पंचकुला और अन्य स्थानों से प्रश्नपत्र और उत्तर मिल गए थे। अब तक पुलिस ने अभ्यर्थियों, अभिभावकों और एजेंटों समेत 170 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अदालत में तीन आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है।
पुलिस ने खुलासा किया कि प्रश्नपत्र घोटाले में एक अंतरराज्यीय रैकेट शामिल था। आरोपियों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और राजस्थान के निवासी शामिल हैं।