जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर डा पूनियां ने आज बयान जारी कर कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा आनन-फ़ानन में घोषित किए गए छात्रसंघ चुनावों में अधिकांश छात्र प्रवेश तत्पश्चात् मतदान से वंचित रहे, यही कारण था कि औसतन 50 प्रतिशत मतदान का संकेत यही है कि विद्यार्थियों की कोई रूचि नहीं थी, फिर भी पुलिस प्रशासन का दवाब और दमन चक्र चलाया और सरकारी मशीनरी के दवाब में चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एजेंडा था कि निकायों और पंचायतीराज चुनावों में परिसीमन और जोड़तोड़ के ज़रिए काबिज़ होकर यह अपने प्रभुत्व को दर्शाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस और गहलोत के मंसूबे सफल नहीं हुए और पहली बार सत्तारूढ़ दल को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि आज घोषित परिणाम साबित कर रहे हैं कि राज्य में उच्च शिक्षा के बदतर हालात, शैक्षिक संस्थानों में अराजकता, प्राध्यापकों का अभाव, बुनियादी सुविधाओं की कमी, शैक्षणोत्तर गतिविधियों की कमी, शिक्षा के बाद कैरियर काउंसिलिंग की कमी और इन सबसे अधिक बेरोज़गारी प्रमुख समस्या बन गई और रीट जैसे पेपर लीक तथा लगातार नकल की घटनाओं से राजस्थान के बेरोजगार अवसाद में जाकर आत्महत्या तथा अपराध जैसे कदमों की ओर प्रवृत्त हुए हैं।
डा पूनियां ने कहा कि इन सब घटनाओं का मानसिक असर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों पर पड़ा है और उन्होंने राज्य की कांग्रेस की गहलोत सरकार को सिरे से नकार दिया। इस सरकार का यह लिटमस टेस्ट जैसा है, मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र जोधपुर में भी कांग्रेस का छात्र संगठन खाता नहीं खोल पाया और पूरे प्रदेश में भी इनकी स्थिति शून्य रही और यह भविष्य का ही संकेत है कि अगले वर्ष प्रदेश का विद्यार्थी और नौजवान कांग्रेस के विरूद्ध मतदान करेगा।
छात्र संघ चुनाव : भीलवाड़ा के तीन महाविद्यालयों में ABVP की जीत