नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी से जो सुविधाएं कभी सिर्फ बड़े शहरों में होती थी डिजिटल इंडिया ने वह गाँव–गाँव में पहुंचा दी हैं और इससे देश में नए डिजिटल उद्यम पैदा हो रहे हैं।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज कहा कि अभी कुछ दिन पहले, मैंने, अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में जोरसिंग गाँव की एक खबर देखी। ये खबर एक ऐसे बदलाव के बारे में थी, जिसका इंतजार, इस गांव के लोगों को, कई वर्षों से था। दरअसल, जोरसिंग गांव में इसी महीने, स्वतन्त्रता दिवस के दिन से 4जी इंटरनेट की सेवाएं शुरू हो गई हैं। जैसे, पहले कभी गाँव में बिजली पहुंचने पर लोग खुश होते थे, अब, नए भारत में वैसी ही खुशी, 4जी पहुंचने पर होती है।
अरुणाचल और नार्थ ईस्ट के दूर-सुदूर इलाकों में 4जी के तौर पर एक नया सूर्योदय हुआ है। इंटरनेट कनेक्टिविटी एक नया सवेरा लेकर आई है। जो सुविधाएं कभी सिर्फ बड़े शहरों में होती थी, वो डिजिटल इंडिया ने गांव–गांव में पहुंचा दी हैं। इस वजह से देश में नए डिजिटल उद्यम पैदा हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के अजमेर जिले के सेठा सिंह रावत जी ‘दर्जी ऑनलाइन’ ‘ई स्टोर’ चलाते हैं। दरअसल, सेठा सिंह रावत कोविड के पहले टेलर का काम करते थे। कोविड आया, तो रावत जी ने इस चुनौती को मुश्किल नहीं, बल्कि अवसर के रूप में लिया। उन्होंने ऑनलाइन कामकाज शुरू किया। उन्होंने देखा कि ग्राहक, बड़ी संख्या में, मास्क का ऑर्डर दे रहे हैं।
उन्होंने कुछ महिलाओं को काम पर रखा और मास्क बनवाने लगे। इसके बाद उन्होंने ‘दर्जी ऑनलाइन’ नाम से अपना ऑनलाइन स्टोर शुरू कर दिया जिसमें और भी कई तरह से कपड़े वो बनाकर बेचने लगे। आज डिजिटल इंडिया की ताकत से सेठा सिंह जी का काम इतना बढ़ चुका है, कि अब उन्हें पूरे देश से ऑर्डर मिलते हैं। सैकड़ों महिलाओं को उन्होंने अपने यहाँ रोजगार दे रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रहने वाले ओम प्रकाश सिंह को भी डिजिटल उद्यमी बना दिया है। उन्होंने अपने गांव में एक हजार से ज्यादा ब्रॉडबैंड स्थापित किए हैं जिससे, जरूरतमंद लोगों की बहुत मदद हो रही है। ओम प्रकाश जी का काम अब इतना बढ़ गया है कि उन्होंने 20 से ज्यादा लोगों को नौकरी पर रख लिया है। ये लोग, गांवो के स्कूल, अस्पताल, तहसील ऑफिस और आंगनवाडी केंद्रों तक ब्रॉडबैंड कनेक्शन पहुंचा रहे हैं और इससे रोजगार भी प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे गांवों से ऐसे कितने ही सन्देश मिलते हैं, जो इंटरनेट की वजह से आए बदलावों को मुझसे साझा करते हैं। इंटरनेट ने हमारे युवा साथियों की पढ़ाई और सीखने के तरीकों को ही बदल दिया है। जैसे कि यूपी की गुड़िया सिंह जब उन्नाव के अमोइया गांव में अपनी ससुराल आई, तो उन्हें अपनी पढाई की चिंता हुई। लेकिन, भारतनेट ने उनकी इस चिंता का समाधान कर दिया। गुड़िया ने इंटरनेट के जरिए अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया।