चित्रदुर्ग। कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले स्थित एक प्रमुख मठ के मुख्य पुजारी ने सोमवार को जिले की एक अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। इस मामले की सुनवाई एक सितंबर को होगी।
मुख्य पुजारी डॉ शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू समेत पांच लोगों पर उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने को लेकर बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। दो बच्चियों की ओर से पुलिस शिकायत दर्ज की गई जिसके आधार पर जगद्गुरु मुरुगराजेंद्र विद्यापीठ मठ के मुख्य पुजारी डॉ शरणारू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
संभावना है कि मुख्य पुजारी को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। इसलिए उनके वकील ने चित्रदुर्ग के द्वितीय सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया और अदालत ने आवेदन स्वीकार कर लिया और एक सितंबर को सुनवाई तय की।
मठ द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों ने मैसूर में एक गैर सरकारी संगठन ‘ओडानाडी सेवा संस्थान’ से संपर्क किया, जो तस्करी और यौन शोषण वाली महिलाओं और बच्चों के बचाव पुनर्वास पुन: एकीकरण तथा सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। अपनी आपबीती सुनाने के बाद जिला बाल कल्याण समिति के संज्ञान में लाया गया।
इस मामले में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मठ के मुख्य पुजारी से जुड़े इस मामले में जांच जारी है। जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने पुजारी पर लगे आरोपों के बारे में कोई अन्य टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि पुलिस को जांच के लिए पूरी आजादी है, वह जांच करेगी और सच्चाई को सामने लाएगी। पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और चित्रदुर्ग में अपहरण का भी मामला है। पुलिस ने दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। ऐसी स्थिति में, टिप्पणी करना या मामले की व्याख्या करना जांच के लिए अच्छा नहीं है।
मुरुगा मठ सलाहकार समिति के सदस्य एन बी विश्वनाथ ने कहा है कि पुजारी के खिलाफ आरोपों में सच्चाई नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस आरोप के पीछे मठ के प्रशासनिक अधिकारी एस के बसवराजन का हाथ है, जो कि पूर्व विधायक हैं।
गौरतलब है कि कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। इसी को लेकर सभी राजनीतिक दल लिंगायत समाज को लुभाने में लगे हैं। ऐसी कड़ी में कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी भी हाल में ही मुरुगा मठ पहुंचे थे और मठ के मुख्य पुजारी से ‘दीक्षा’ भी प्राप्त की थी।