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राजस्थान में ग्यारह हजार से अधिक हिस्ट्रीशीटर - Sabguru News
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राजस्थान में ग्यारह हजार से अधिक हिस्ट्रीशीटर

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राजस्थान में ग्यारह हजार से अधिक हिस्ट्रीशीटर

जयपुर। राजस्थान में ग्यारह हजार से अधिक हिस्ट्रीशीटर है, इनमें अभी लगभग एक हजार न्यायिक हिरासत में हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस हिस्ट्रीशीटर और हार्डकोर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कार्रवाई कर रही हैं। अभी राज्य में कुल 11 हजार नौ हिस्ट्रीशीटर है, इस वर्ष 296 नवीन हिस्ट्रीशीट खोली गई है।

इनमें अभी 914 न्यायिक हिरासत में है। साथ ही राज्य में कुल 712 हार्डकोर चिह्नित अपराधी है, जिनमें से 241 न्यायिक हिरासत में है। 296 को पाबंद किया गया है और 248 पर पुलिस की सख्ती निगरानी है। विशेष अभियान चलाकर फरार 48 अपराधियों को शीघ्र पकड़कर न्यायिक हिरासत में लिया जाएगा।

प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने वाले 4500 तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई हुई हैं। इनमें 90 की गिरफ्तारी की गई है। असामाजिक तत्वों के विरूद्ध 20 मई से 20 जून तक विशेष अभियान चलाकर 16,554 वांछित गिरफ्तारी की गई और 13,160 तत्वों को पाबंद किया गया। मादक पदार्थ की गतिविधियों की रोकथाम के लिए नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) के तहत 949 एफआईआर हुई है।

पुलिस ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। इसमें क्राइम से जुड़े 23 हजार 492 मोबाइल फोन और 23 हजार 270 सिम ब्लॉक की गई। प्रदेश में 22 हजार 500 व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर आमजन को जागरूक किया जा रहा है। अभी तक राजस्थान पुलिस ट्विटर पर 23 हजार 83 शिकायतों का समाधान किया गया है। अभय कमांड सेंटर पर 6373 सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही हैंं।

मुख्यमंत्री ने साइबर क्राइम को रोकने और अपराधियों पर कार्रवाई के लिए प्रदेश के 32 पुलिस राजस्व जिलों में साइबर थानों का शीघ्र संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन की गाढी कमाई को लूटने वालों पर सख्त सजा मिलनी चाहिए।

समीक्षा बैठक में नाबालिग बालिकाओं के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के पंजीकृत आपराधों में राजस्थान 12वें नंबर पर है। अधिकारियों ने बताया कि बालिग व महिलाओं के विरूद्ध दुष्कर्म के प्रकरणों में सख्त कानून के बाद भी देश में प्रकरण बढ़ रहे हैं।

सबसे ज्यादा प्रकरण पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश में दर्ज हुए हैं। इसके पश्चात राजस्थान में सर्वाधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। यद्यपि राज्य में आधे से ज्यादा प्रकरण अनुसंधान में झूठे पाए गए हैं। बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 47.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मात्र 28.6 प्रतिशत है। कुल महिला अत्याचार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 45.2 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 26.5 प्रतिशत है।

इन्हीं प्रकरणों में राजस्थान में अनुसंधान हेतु पेंडिंग प्रकरणों का प्रतिशत 9.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7 प्रतिशत है। आईपीसी के प्रकरणों में राजस्थान में अनुसंधान हेतु प्रकरणों का पेंडिंग प्रतिशत 10.1 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 35.1 प्रतिशत है।

राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति को राहत प्रदान करने की दिशा में त्वरित कार्यवाही कर रही है। महिला अत्याचार मामलों के अनुसंधान में भी कमी आई है। वर्ष 2022 में ऐसे प्रकरणों में औसतन 65 दिनों में अनुसंधान पूरे किए गए, जबकि वर्ष 2021 में यह समय 110 दिन, वर्ष 2019 में 135 दिन और 2018 में 169 दिन था।

वहीं, एससी-एसटी प्रकरणों में वर्ष 2018 में 231 दिन, वर्ष 2019 में 163 दिन, वर्ष 2021 में 121 दिन और वर्ष 2022 में जुलाई तक के प्रकरणों में सिर्फ 75 दिनों में ही अनुसंधान पूरा कर लिया जाकर राहत प्रदान की गई।

प्रदेश में निर्बाध पंजीकरण की नीति के साथ ही झूठे मामले अधिक सामने आ रहे हैं। आईपीसी के अपराधों में वर्ष 2020 में 30 प्रतिशत और वर्ष 2021 में 28 प्रतिशत झूठे मामले दर्ज हुए। प्रदेश में महिला अपराध के मामलों में वर्ष 2020 में 45.28 प्रतिशत, वर्ष 2021 में 45.26 प्रतिशत, वर्ष 2022 में 48 प्रतिशत, एससी-एसटी मामलों में वर्ष 2021 में 51 प्रतिशत और वर्ष 2022 में 53 प्रतिशत झूठे मामलों में एफआर लगाई गई है।

समीक्षा बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, महानिदेशक पुलिस एमएल लाठर, अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा, महानिदेशक पुलिस इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अपराध शाखा डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।