जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे देने में आनाकानी करने वाले सरकारी कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गहलोत ने आज इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के शुभारंभ समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कच्ची बस्तियों का नियमानुसार नियमन किया जाएगा। उन्होंने नगर निगम, नगरपालिका एवं नगरपरिषद के जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे लक्ष्य निर्धारित कर अपने अपने क्षेत्रों में पट्टों से वंचितों को पट्टे दिलाने में अह्म भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि जो अधिकारी एवं कर्मचारी प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे बनाने एवं वितरण करने में आनाकानी करता है। पार्षद-मेयर सहित दूसरे जनप्रतिनिधि ऐसे राजकीय कार्मिकों की सूची तैयार करके भिजवाएं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को किसी भी तरह से मकानों का पट्टा मिल सके, इसके लिए नियमों में कई संशोधन भी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेवड़ियां बांटने के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि हमने रेवड़ियां जोहरी बाजार में ठेले पर बिकती देखी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जनता के लिए स्वास्थ्य की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी योजना हैं जिसके तहत सबका नि:शुल्क इलाज हो रहा है, क्या यह रेवड़ी हैं। जनता को मुफ्त इलाज और रोजगार देना रेवड़ियां नहीं सरकार की जिम्मेदारी है।
गहलोत ने फिर दोहराया कि वह चाहते है कि मोदी अपील करे, सभी लोग प्यार, मोहब्बत, भाईचारे, विश्वास से रहें। तब देश मजबूत होता है। मैं हिंसा बर्दाश्त नहीं करूंगा। सब लोग प्यार मोहब्बत से रहें। इसमें क्या दिक्कत है।
उन्होंने अंग्रेजी का जिक्र करते हुए कहा कि आजकल के युग में बिना अंग्रेजी के दुनिया में काम नहीं चलता और आगे बढ़ने के लिए इसकी जरुरत होती है इसलिए आगे बढ़ना है तो अंग्रेजी ज्ञान बढ़ाएं। प्रदेश में अंग्रेजी स्कूल खोलने की शुरुआत की गई और अब तो इनमें प्रवेश लॉटरी से होने लगे हैं। लोग समझ गए हैं, गांव के किसान भी समझ गए हैं कि भविष्य इंगलिश के साथ हैं। उन्होंने इसे गरीबों के लिए बहुत बड़ा वरदान बताया हैं।
उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए लेकिन राज्य सरकार इसे पूरी करके ही रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को आठ हजार करोड़ रुपए पेंशन के रुप में दे रही हैं और इसके तहत एक व्यक्ति को एक हजार रुपए पेंशन दे रही हैं जबकि केन्द्र सरकार दो सौ रुपए दे रही हैं यह कहां का न्याय हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि केन्द्र भी एक हजार रुपए की पेंशन दे और राज्य सरकार दे ही रही हैं तो यह पेंशन दो हजार रुपए हो जाएगी ताकि इससे काफी सहारा मिलेगा।