मुंबई। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने कथित तौर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को 100 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुकदमा चलाने हरी झंडी दिखा दी है।
मंगलवार रात हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने देखमुख पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जून में देशमुख और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
कानून के अनुसार किसी सरकारी कर्मचारी या किसी मंत्री के खिलाफ अदालत में मामले की जांच के लिए राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 19 के तहत सरकार से अभियोजन की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
देशमुख के खिलाफ मामला ट्रायल स्टेज पर पहुंच जाएगा। रिश्वत कांड के सिलसिले में सीबीआई की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अप्रैल 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की थी।
ईडी ने आरोप लगाया कि देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री रहते हुए तत्कालीन पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिये मुंबई के विभिन्न बारों और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही की थी।
कथित तौर पर वसूली के पैसे को देशमुख परिवार के शिक्षा ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था। बाद में ईडी ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखने के बाद अपराध दर्ज किया था, जिसमें कहा गया था कि देशमुख ने दो पुलिस अधिकारियों को शहर के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपए एकत्र करने का आदेश दिया था।