अलवर। राजस्थान से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने तेरह साल बाद फिर सरिस्का बचाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
मीणा ने पत्रकार वार्ता में आज कहा कि सरिस्का अलवर की सबसे बड़ी पहचान है जब वह दौसा से लोकसभा सदस्य थे तब सरिस्का में काफी गड़बड़ झाले थे। अलवर जिले का थानागाजी दौसा संसदीय क्षेत्र में आता है। उन्होंने बताया कि 20 अगस्त 2009 को सरिस्का बचाओ आंदोलन शुरू किया गया था। फिर 13 साल बाद वही नौबत आ गई है।
उन्होंने कहा कि 20 सितंबर को थानागाजी में सुबह 10 बजे सभा होगी जिसमें उम्मीद जताई कि 15 हजार लोग शामिल होंगे। उसके बाद 11 बजे सरिस्का के लिए अपने समर्थकों के साथ पैदल कूच करेंगे जो सरिस्का गेट से पांडुपोल रास्ते पर पहुंचेगी और उन्होंने बताया कि यह प्रतीकात्मक है जिसमें सरकार का ध्यानाकर्षण किया जाएगा और यह पैदल कूच पूरी गांधीवादी तरीके से होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सेंचुरी क्षेत्र में सरिस्का के अधिकारियों ने और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं, होटलें बनाई हुई हैं और सरिस्का का स्वरूप पूरी तरीके से बिगाड़ दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ होटल अवैध रूप से बन रही हैं। कुछ निर्माणाधीन है और अफसरों का ही अतिक्रमण करवाया हुआ है। अवैध फार्म हाउस बन गए हैं। उच्चत्तम न्यायालय की रोक के बावजूद भी वन भूमि की रजिस्ट्री की जा रही है और यहां तक कि अवैध खनन भी किया जा रहा है।
मीणा ने कहा कि कुछ माह पहले यह बात सामने आई कि टाइगर की मूछों के बाल निकाल लिए गए। सांभर के सींगो के झूले लगाए गए। यह वाइल्डलाइफ एक्ट का खुला उल्लंघन है।उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2009-10 में वन्यजीवो से पशु हानि पर सरिस्का प्रशासन द्वारा राशि दी जाती थी जो पर्याप्त नहीं है क्योंकि पशु महंगे हो गए हैं और किसानों को इसका नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि गांव जो सरिस्का से गांव विस्थापित होने हैं उनकी 50 लाख रुपए कम से कम मुआवजा राशि की जानी चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिस तरह हरियाणा सरकार ने 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का विधेयक विधानसभा में पास किया, उसी तरह राजस्थान सरकार को भी राजस्थान के युवाओं को 75 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर में रोजगार देने का बिल पास करना चाहिए।