फतेहाबाद। हरियाणा में फतेहाबाद की त्वरित अदालत के न्यायाधीश बलवंत सिंह ने अनुसूचित जाति की एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर उससे दुष्कर्म और शादी करने के आरोपी शीलू कुमार उर्फ अमित को दोषी करार देकर अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अदालत ने दोषी को मंगलवार को पोक्सो एक्ट की धारा छह के तहत 20 साल की कैद और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत एक साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को 22 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के मुताबिक पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 21 जुलाई 2021 को आईपीसी की धारा 363, 366ए, 376 (2), पोक्सो एक्ट की धारा छह और बाल विवाह अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
जानकारी के मुताबिक पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी को आरोपी अमित बहला-फुसलाकर ले गया है। आरोपी शीलू कुमार ने पुलिस को दिए फर्द इंसाफ में बताया कि दो वर्ष पहले उसने पीड़िता के घर बिजली का काम किया था। इसी दौरान उसकी पीड़िता से दोस्ती हो गई।
वह अकसर पीड़िता के घर आने जाने लगा और पीड़िता भी उसके घर आई। हम दोनों शादी करना चाहते थे। उन्नीस जुलाई 2021 को रात्रि के समय हम दोनों घर से सिरसा गए और वहां शिव मंदिर में शादी कर ली। उसे बाद में बता चला कि पीड़िता की उम्र 18 साल से कम है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात आरोपी शीलू कुमार उर्फ अमित को दोषी करार दिया था।