अजमेर। संसार के कल्याण के लिए श्रीहरि समय-समय पर अवतरित होकर पृथ्वी पर साधु-संतों, जीव जंतुओं और मनुष्य की रक्षा करते हैं। जब जब सृष्टि पर अधर्म बढ़ता है तब तब भगवान अवतरित होते हैं और अधर्मियों का नाश कर धर्म की स्थापना करते हैं। ये बात संत उत्तम राम शास्त्री ने गढ़वाल पैलेस में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बुधवार को कही।
ध्रुव कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा कि संस्कारवान सन्तान कभी किसी की निंदा नहीं करती। संतानों को भक्ति का ज्ञान दें। भक्ति बाल्यकाल से ही शुरू हो जाए तो श्रेष्ठ है। भक्ति के लिए समय निकालना चाहिए। वर्तमान समय में भक्ति के लिए वन गमन की आवश्यकता नहीं बल्कि घर में ठाकुर जी की मूर्ति में ही साक्षात भगवान के दर्शन की अनुभूति करें। भागवत कथा संस्कार की खान है।
जड भरत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि परोपकार करना श्रेष्ठ है, लेकिन परोपकार मोह में बदलना उचित नहीं। इससे साधना में बांध होती है और साधना कभी पूर्ण नहीं होती। इस प्रसंग पर उन्होंने राम जी की चिड़िया राम जी का खेत आओ री चिड़िया खाओ भर भर पेट…भजन सुनाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया।
नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की….
श्रीमद् भागवत कथा प्रसंग के दौरान उन्होंने मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के वृतांत का श्रवण कराया। नंदोत्सव के दौरान भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की झांकी सजाई गई। भगवान का जन्म उत्सव मनाते समय कान्हा बंसी जोर से बजाई रे…., मेरा आपकी कृपा से…., कांकरिया मत मारे कान्हा गगरिया फूट जाएगी…., नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल…. की आदि भजनों की प्रस्तुति पर माहौल भक्ति में हो गया। श्रद्धालु भाव विभोर होकर खुशी से नृत्य करने लगे!
कथा श्रवण का लाभ लेने वालों का सम्मान
कांगेेस नेता महेंद्र सिंह रलावता प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजस्थान प्रतिनिधि सदस्य, राजेंद्र नरचल, राजनारायण आसोपा, प्रमोद भाटी, नारिश्वर महिला मंडल की सदस्य, उद्योगपति मोहन लाल साबू, मीनाक्षी साबू, संतोष बारूपाल, सीता तंवर, समाजसेवी विजय मौर्य, अनीश मीणा, गुलाब गुजराती सहित कई लोगों को महाराज ने आशीर्वाद दिया। अंत में महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।