Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
माफिया अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में 3 साल की सज़ा - Sabguru News
होम India City News माफिया अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में 3 साल की सज़ा

माफिया अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में 3 साल की सज़ा

0
माफिया अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में 3 साल की सज़ा

लखनऊ। कुख्यात माफिया अबु सलेम को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने फर्जी पासपोर्ट मामले में मंगलवार को 3 साल के कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सज़ा सुनाई है।

विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने फर्जी पासपोर्ट मामले में अपने फैसले में अबू सलेम अब्दुल कय्यूम अंसारी और उसके साथी परवेज आलम को तीन वर्ष के कारावास और 10 हज़ार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

अदालत ने परवेज आलम पर अबू सलेम एवं उसकी पत्नी समीरा जुमानी के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाने के आरोप में 35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा कि अभियुक्तों को दी गई सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। यदि उनके द्वारा इस मामले में अतिरिक्त अवधि जेल में बिताई गई है तो उसे सजा में समायोजित किया जाएगा।

अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के समय अबू सलेम नवी मुंबई की तलोजा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ। वहीं मोहम्मद परवेज आलम व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में हाजिर हुआ।

इस मामले में प्रश्नगत पासपोर्ट 6 जुलाई 1993 को बनवाया गया था। बीती 22 अगस्त एवं 21 जुलाई को भी विशेष अदालत के समक्ष अबू सलेम को पेश किया गया था। पहली पेशी पर आरोपी अबू सलेम ने जज के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि वर्ष 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट मामले की जांच के दौरान अबू सलेम द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का मामला उजागर हुआ था।

इसमें आजमगढ़ निवासी मोहम्मद परवेज आलम ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अबू सलेम व समीरा जुमानी के वास्तविक निवास व पहचान को छुपाकर पासपोर्ट बनवाया था। जिससे कि वे दोनों विभिन्न आपराधिक मामलों में खुद को बचाने के लिए देश के बाहर भाग सके।

सजा सुनाए जाने के बाद परवेज आलम की ओर से अंतरिम जमानत अर्जी पेश की गई। इसमें कहा गया कि उसे अदालत के निर्णय के विरुद्ध सत्र अदालत में अपील दाखिल करनी है। लिहाजा उसे अपील दायर करने की अवधि तक के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए। अदालत ने परवेज आलम की अर्जी को स्वीकार करते हुए उसे 20-20 हजार रुपए के मुचलकों पर अंतरिम जमानत दे दी।