अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान बनी ‘वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेन’ को गांधीनगर कैपिटल स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया और कालूपुर स्थित अहमदाबाद स्टेशन तक यात्रा भी की।
प्रधानमंत्री सुबह गांधीनगर कैपिटल स्टेशन पहुंचे जहां रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उनका स्वागत किया।
मोदी ने स्टेशन पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत लगे हथकरघा एवं हस्तशिल्प स्टाल पर महिला उद्यमी से बात की। इसके बाद रेल मंत्री प्रधानमंत्री को वंदे भारत एक्सप्रेस के ड्राइवर केबिन में लेकर गये और ट्रेन के संचालन संबंधी जानकारी दी। मोदी ने गाड़ी के कोच में सीटिंग की व्यवस्था के बारे में पूछताछ की। रेल मंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस में पहली बार इस्तेमाल हो रहे एयर सस्पेंशन को भी दिखाया।
इसके बाद मोदी, वैष्णव एवं अन्य मेहमानों ने हरी झंडी दिखा कर ट्रेन को रवाना किया। यह ट्रेन कुछ दूर चल कर रुकी और फिर प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं अन्य महत्वपूर्ण अतिथि गाड़ी में सवार होकर अहमदाबाद स्टेशन तक गए।
यह पहला मौका है जब मोदी ने नए भारत की नई पहचान के रूप में ख्याति प्राप्त करने वाली इस ट्रेन में यात्रा का अनुभव हासिल किया। यात्रा के दौरान मोदी बहुत उत्साहित एवं प्रसन्नचित्त नज़र आये। इससे पहले उन्होंने पहली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन 15 फरवरी 19 को किया था। लेकिन उसमें सवार होकर एक स्टेशन से दूसरे स्थान पर वह इससे पहले कभी नहीं गए हैं।
अहमदाबाद से यह ट्रेन दोपहर करीब दो बजे यह ट्रेन मुंबई के लिए रवाना होगी। वडोदरा और सूरत रुकते हुए यह गाड़ी करीब सात बजकर 35 मिनट पर मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी। मुंबई और गांधीनगर के बीच यह गाड़ी एक अक्टूबर से सामान्य यात्रियों के लिए चलने लगेगी। वंदे भारत एक्सप्रेस 519 किलोमीटर का यह सफर करीब साढ़े छह घंटे में तय करेगी।
रेल मंत्रालय की आधिकारिक जानकारी के अनुसार रविवार को छोड़कर सप्ताह के छह दिन चलने वाली यह 20901 डाउन गाड़ी मुंबई सेंट्रल स्टेशन से सुबह छह बज कर 10 मिनट पर रवाना होगी। यह ट्रेन 8:50 बजे सूरत पहुंचेगी और 8:53 बजे रवाना हो कर 10,20 बजे वडोदरा पहुंचेगी। पांच मिनट के ठहराव के बाद 10:25 बजे रवाना हो कर 11.35 बजे अहमदाबाद और 11.40 बजे रवाना हो कर 12.30 बजे गांधीनगर कैपिटल स्टेशन पहुंचेगी।
वापसी में 20902 अप गाड़ी गांधीनगर कैपिटल से दोपहर में 02.05 बजे रवाना हो कर 02.45 बजे अहमदाबाद, पांच मिनट के ठहराव के बाद 04 बजे वडोदरा और फिर 05 मिनट के ठहराव के बाद शाम 5.40 बजे सूरत पहुंचेगी। सूरत से 5.43 बजे रवाना हो कर रात 8.35 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी।
इस प्रकार से यह गाड़ी डाउन दिशा में 06 घंटे 20 मिनट और अप दिशा में 06 घंटे 30 मिनट का समय लेगी। गाड़ी की औसत गति 87 से 89 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी जबकि अधिकतम गतिसीमा 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रहेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच रहेंगे। दोनों छोर पर ड्राइवर केबिन वाले सी-1 और सी-14 कोच में 44-44 सीटें, सामान्य चेयरकार में 78-78 सीटें और दो एग्जीक्यूटिव कोचों में 52-52 सीटें हैं। इस तरह से गाड़ी में कुल 1128 यात्री सवार हो सकते हैं। ट्रेन में एग्ज़ीक्यूटिव श्रेणी में किराया 955 रुपये से 2505 रुपए के बीच तथा एसी चेयरकार का किराया 515 रुपए से 950 रुपए के बीच होगा।
भारतीय रेलवे की नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेन अधिकतम 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस का नया रैक पहले से हल्का है और नई आधुनिक बोगी डिजायन के कारण यात्रियों को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बिना कोई झटका या कंपन के दौड़ने में सक्षम है। पहली वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने के अनुकूल है।
रेल मंत्री के मुताबिक वंदेभारत एक्सप्रेस के 75 रैकों का निर्माण अगले माह से चेन्नई में इंटीग्रल कोच कारखाने में शुरू हो जाएगा और हर माह दो तीन से शुरू हो कर आठ दस रैक प्रतिमाह तक बनने लगेंगे। वंदे भारत के भविष्य में बनने वाले 400 रैक 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम होंगे जिन्हें विकसित देशों में निर्यात भी किया जाएगा।
वंदे भारत के पहले संस्करण एवं इस नये संस्करण के बीच अंतर का उल्लेख करते हुए कहा कि नयी वंदे भारत ट्रेन शून्य से सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की गति मात्र 52 सेकेंड में पार कर लेती है जबकि पहले संस्करण वाली वंदे भारत को 54.6 सेकेण्ड लगते हैं। बुलेट ट्रेन को इस गतिसीमा को पार करने में 55 सेकेंड लगते हैं।
पहली वंदे भारत का एक्सल लोड 17 टन था जो नयी गाड़ी में 15.3 टन है। पहली गाड़ी का वजन 430 टन था लेकिन नई गाड़ी का वजन 392 टन है यानी 38 टन कम है। बाढ़ की दशा में यदि पटरियों पर दो फुट तक पानी भरा है तो भी वंदे भारत ट्रेन को आराम से चलाया जा सकता है, पहले संस्करण का केवल 40 सेंटीमीटर यानी सवा फुट से कुछ अधिक तक भरे पानी में ही चलाया जा सकता है। पहली वंदे भारत ट्रेन की लागत 97 करोड़ रुपये थी जबकि नयी वंदे भारत की लागत करीब 107 करोड़ रुपए है। नए एसी सिस्टम में ऊर्जा की खपत 15 प्रतिशत कम होगी।
उन्होंने बताया कि नई गाड़ी में वायु प्रशीतन (एसी) प्रणाली को भी उन्नत बनाया गया है और अब इसमें एक फोटो कैटलिटिक एयर प्यूरीफायर सिस्टम लगाया गया जो वातावरण में कोरोना सहित किसी भी वायरस को खत्म कर देता है। नए एसी सिस्टम में ऊर्जा की खपत 15 प्रतिशत कम होगी। नयी गाड़ी में बेहद आरामदायक रिक्लाइनिंग सीटें लगाईं गई हैं। पहले संस्करण में बैटरी बैक अप एक घंटे है जबकि नए संस्करण में तीन घंटे का बैटरी बैक अप है।
नए रैक में टक्कररोधी तकनीक ‘कवच’ लगाई गई है। गाड़ी में आग लगने की स्थिति में इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों को बचाने के लिए स्वचालित प्रणाली लगाई गई है। आपात निकास भी बढ़ाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन की बोगी की डिजायन में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। एयर सस्पेंशन के कारण पटरियों से झटके नहीं लगते हैं जबकि साइड डैम्पर्स के कारण कोच में तेज गति के कारण दाएं बाएं होने से बचाव होता है। इसी कारण 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति पर पानी के गिलास में एक बूंद भी नहीं छलकती है।
रेल मंत्री का कहना है कि रेलगाड़ियों में यात्रा के आरामदेह होने को राइडिंग इंडेक्स से आंका जाता है। वंदे भारत ट्रेन के नये संस्करण का राइडिंग इंडेक्स 3.2 है जबकि विश्व के विकसित देशों में प्रमुख लग्जरी गाड़ियों का राइडिंग इंडेक्स 2.8 से 3 तक है। वंदे भारत को यदि विदेशों में बिछी पटरियों के स्तर वाले ट्रैक पर चलाया जाये तो कम्फर्ट इंडेक्स 2.8 तक आसानी में आ जाएगा।
वैष्णव के मुताबिक वंदे भारत के उन्नत संस्करण को विश्व बाजार में निर्यात के लिए पेश किया जा सकता है। दूसरे लग्जरी रेल रैकों की तुलना में कम लागत वाले और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कम्फर्ट इंडेक्स वाले रैक को बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की आशा है।