Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
2020 पालघर लिंचिंग की CBI जांच कराने में आपत्ति नहीं : महाराष्ट्र सरकार - Sabguru News
होम Breaking 2020 पालघर लिंचिंग की CBI जांच कराने में आपत्ति नहीं : महाराष्ट्र सरकार

2020 पालघर लिंचिंग की CBI जांच कराने में आपत्ति नहीं : महाराष्ट्र सरकार

0
2020 पालघर लिंचिंग की CBI जांच कराने में आपत्ति नहीं : महाराष्ट्र सरकार

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वर्ष 2020 में राज्य के पालघर में दो हिंदू साधुओं की ‘नृशंस हत्या’ मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने में उसे कोई आपत्ति नहीं है।

महाराष्ट्र सरकार ने वकील शशांक शेखर झा और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर एक नया हलफन दाखिल करके अपना पक्ष रखा। जूना अखाड़ा के पंचदासनम के वकील घनश्याम उपाध्याय और महंत श्रद्धानंद सरस्वती के अलावा दोनों मृतक साधुओं के परिवार के सदस्यों ने वकील बालाजी श्रीनिवासन और आशुतोष लोहिया के माध्यम से भी मामले की सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की थी।

हलफनामे में महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह पालघर की घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है। सीबीआई से जांच कराने में उसे कोई आपत्ति नहीं होगी।

उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी सरकार ने मृतकों के परिजनों और अन्य की मांगों के बावजूद मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया था। सरकार ने पहले ही मामले को राज्य की सीबी-सीआईडी ​​को स्थानांतरित कर दिया था।

आरोप है कि 16 अप्रैल 2020 को एक भीड़ ने महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिंचले गांव मेंं जूना अखाड़े के दो साधुओं- चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70) और सुशीलगिरि महाराज (35) को उनके 30 वर्षीय ड्राइवर समेत पीट-पीट हत्या कर दी थी। दोनों साधु गुजरात के सूरत जा रहे थे।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की या साधुओं को बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया।

महाराष्ट्र पुलिस हालांकि, इस मामले में 126 आरोपियों के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है। शीर्ष अदालत ने छह अगस्त 2020 को महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि वह पालघर की नृशंस हत्याओं के मामले से संबंधित दायर आरोप पत्र को रिकॉर्ड में लाए।