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सिंहस्थ के समय मन में आए भाव ने आज लिया मूर्त रूप : मोदी - Sabguru News
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सिंहस्थ के समय मन में आए भाव ने आज लिया मूर्त रूप : मोदी

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सिंहस्थ के समय मन में आए भाव ने आज लिया मूर्त रूप : मोदी

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री महाकालेश्वर की नगरी मध्यप्रदेश के उज्जैन में बने बेहद भव्य श्री महाकाल लोक के लोकर्पण के बाद श्री महाकाल को बारंबार प्रणाम करते हुए कहा कि सिंहस्थ के समय में उनके मन में जो विचार आए थे, आज उन्हें मूर्त रूप मिल गया है।

मोदी ने श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद एक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सिंहस्थ के समय में उन्हें श्री महाकालेश्वर भगवान का बुलावा आया। उन्होंने बेहद विनम्र लहजे में कहा कि महाकाल का बुलावा आए तो बेटा आए बिना कैसे रह सकता था। उन्होंने कहा कि उस दौरान उनके मन में लगातार मंथन का दौर चल रहा था। उसी मंथन में एक विचार इस कल्पना का भी आया था। उस समय का भाव आज चरितार्थ हो गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्री महाकालेश्वर और उज्जयिनी नगरी की महिमा बताते हुए कहा कि यहां 84 शिवलिंग, चार महावीर, छह विनायक, आठ भैरव, अष्ट मातृका, नवग्रह, 10 विष्णु, 11 रूद्र, 12 आदित्य, 24 देवियां और 88 तीर्थ हैं, जिनके केंद्र में राजाधिराज श्री महाकाल विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि यहां सब कुछ अलौकिक, अविश्वसनीय और असाधारण है।

इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वे मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का अभिनंदन करते हैं, जिन्होंने लगातार समर्पण के साथ इस सेवा कार्य को पूरा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्जैन ज्योतिषीय गणना का भी केंद्र रहा है। यहां श्रीकृष्ण ने भी शिक्षा प्राप्त की। उज्जैन के कण-कण में ईश्वरीय ऊर्जा और इतिहास सिमटा है।

उन्होंने कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर देश का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है, जहां की भस्म आरती समूचे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि हर भक्त जीवन में एक बार भस्मारती के दर्शन करना चाहता है।

आजादी के अमृत महोत्सव में विरासत पर गर्व के पंचप्राण का आह्वान

मोदी ने आज कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व के ‘पंचप्राण’ का आह्वान किया गया है। मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व के पंचप्राण का आह्वान किया गया है।

इसी क्रम में अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण चल रहा है। काशी का विश्वनाथ धाम, सोमनाथ और केदारनाथ ज्योतिर्लिंग विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना जैसे कार्यों ने देश में आध्यात्मिक चेतना का गौरव स्थापित किया है।

उन्होंने कहा कि इसी क्रम में भव्य महाकाल लोक भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है।
मोदी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव विशाल तभी हाेता है, जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए।

देश के कई प्रमुख मंदिरों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तंजौर, कांचीपुरम, रामेश्वरम, वेल्लोर, मदुरई के मंदिरों समेत श्रीनगर का शंकराचार्य मंदिर बेजोड़ हैं। ये मंदिर सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि उस समय में ऐसे मंदिर किस तकनीक से बनाए गए होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी तरक्की हो रही है।

मोदी ने आज अपने लगभग साढ़े तीन घंटे के उज्जैन प्रवास के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ श्री महाकाल लोक का लोकार्पण किया। आमसभा में उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते समेत प्रदेश सरकार के कई मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित थे।

नरेंद्र मोदी उज्जैन में श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद दिल्ली रवाना