नई दिल्ली। कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वह लोकतंत्र की मजबूती के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष करेंगे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन पर जो भरोसा जताया है उस पर खरे उतरेंगे।
खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद अपने अपने आवास पर बुधवार को पत्रकारों से कहा कि देश को एक तानाशाह की सनक की भेंट नहीं चढाया जा सकता है इसलिए सभी को मिलकर इन ताकतों के खिलाफ लड़ना पड़ेगा।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का भरोसा देते हुए खड़गे ने कहा कि आपने मुझ पर भरोसा जताया है और गरीब परिवार में जन्मे एक सामान्य कार्यकर्ता को कांगेस का अध्यक्ष बनाया है, मैं आपके भरोसे पर खरा उतरूंगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता पर बैठे हुक्मरान बातें तो बहुत करते हैं पर काम कुछ नहीं करते। असलियत में उनके चरित्र को चार शब्दों में बताया जा सकता है-खोखला चना बाजे घना। देश में सबसे बड़ी समस्या कमरतोड महंगाई है, भयंकर बेरोजगारी है, अमीर गरीब के बीच की खाई है और सरकार के द्वारा देश में फैलाई जाने वाली नफरत है।
खड़गे ने कहा कि पिछले 75 साल के दौरान कांग्रेस ने संविधान की रक्षा करते हुए लगातार देश के लोकतंत्र को मजबूत किया है लेकिन आज लोकतंत्र खतरे में है और संविधान पर हमला बोला जा रहा है, संस्थानों को तोड़ा जा रहा है ऐसे में कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवा कर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का उदाहरण पेश किया है।
सियासत में 50 वर्ष से अधिक समय से सक्रिय हैं खडगे
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पिछले 50 वर्ष से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं और वह दिवंगत जगजीवन राम के बाद इस पर पहुंचने वाले पार्टी के पहले दलित नेता हैं।
कर्नाटक के बीदर जिले के वरावट्टी इलाके में 21 जुलाई 1942 को किसान परिवार में जन्मे मल्लिकार्जुन खड़गे को ‘सालीलाडा सरदारा’ के नाम से जाना जाता है अर्थात ऐसा योद्धा जो हारना नहीं जानता।
खड़गे श्रमिकों के नेता थे और वह 1969 में कांग्रेस में शामिल हुए। कर्नाटक की राजनीति में वह कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में रहे, उन्हें सालीलाडा सरदारा का खिताब उनकी चुनावी सफलताओं के कारण दिया गया था लेकिन वह राज्य के मुख्यमंत्री पद की होड़ में बार-बार पिछड़ते रहे। वह केन्द्र में मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में रेल और श्रम मंत्री रहे। वह एस निजलिंगप्पा के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले पहले कन्निड़गा हैं।
उन्होंने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की है और वहीं के सरकारी कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री ली। उन्होंने गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी डिग्री लेने के बाद वकालत शुरू की। वर्ष 1969 में वह एमकेएस मिल्स कर्मचारी संघ के कानूनी सलाहकार बने। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं के हक की लड़ाई लड़ी। वह यूनाइटेड ट्रेड यूनियन के प्रभावशाली नेता भी रहे हैं।
वर्ष 1969 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें गुलबर्गा कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया। वर्ष 1972 में वे कर्नाटक के गुरमीतकल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने। वह इस विधानसभा सीट से नौ बार विधायक रहे। इसी दौरान वह राज्य के विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री पद पर भी रहे। वर्ष 2005 में वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बने और 2008 तक इस पद पर रहे। वह 2009 में पहली बार सांसद चुने गए।
खड़गे को गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता है। वर्ष 2014 में खड़गे को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया था। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद 2020 में उन्हें राज्य सभा का सदस्य निर्वािचत किया गया। पिछले वर्ष 2021 में गुलाम नबी आजाद का राज्य सभा में कार्यकाल समाप्त होने के बाद खड़गे को राज्य सभा में विपक्ष का नेता बनाया गया।
खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने पर कर्नाटक में जश्न का माहौल
लोकसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनके गृह राज्य कर्नाटक में जश्न का माहौल है। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने आपस में मिठाईयों बांटी ही जबकि कुछ गांवों में उनकी तस्वीर रखकर पूजा अर्चना की। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बुधवार को केपीसीसी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ मिठाई बांटी और जश्न मनाया।
इस संधर्ब में शिवकुमार ने पत्रकारों को खड़गे के चुनाव पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को न केवल कर्नाटक राज्य के नेता के रूप में चित्रित किया गया है बल्कि वह एक राष्ट्रीय नेता हैं। उनके अध्यक्ष के रूप में, हमारे राज्य को बड़ी शक्ति मिलेगी। साथ ही देश को एक बड़ा संदेश दिया गया है। खड़गे को चुनाव में उनकी जीत पर बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने इसे कन्नडिगाओं के लिए गर्व की बात बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर राष्ट्रीय कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने गए मल्लिकार्जुन खड़गे को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि खड़गे की प्रतिभा और अनुभव के जरिये कांग्रेस पार्टी सफलता के पथ पर निरंतर अग्रसर रहेगी। उन्होंने कहा कि लंबा राजनीतिक अनुभव। अटूट पक्षपात ने उन्हें इस उच्च पद पर पहुंचा दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया कि खड़गे पार्टी के लिए अच्छा करेंगे। यही खुशी खड़गे के क्षेत्र कलबुर्गी में भी दिखाई दी जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने भी जश्न मनाते खुशियां बांटी और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। कर्नाटक के कई गांवों में भी खड़गे की तस्वीर रखकर पूजा-अर्चना की गई।