नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता में योगदान देने के लिए नए उद्योगों, स्टार्टअपों और नवाचारकों से आगे आने का आह्वान करते हुए कहा है कि भारत की अंतरिक्ष से जुड़ी उपलब्धियों से दुनिया हैरान है।
मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 94वें संस्करण में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की सफलता से देश में बेहतर डिजिटल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। देश के दूर दराज के क्षेत्र एक दूसरे से जुड़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भारत ने एक साथ 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत को क्रायोजेनिक रॉकेट टेक्नोलॉजी देने से इनकार कर दिया गया था। लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक निर्मित की और इसकी मदद से दर्जनों रॉकेट अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं।
पिछले दिनों की गई प्रक्षेपण के साथी भारत विश्व वाणिज्यिक बाजार में एक महत्वपूर्ण स्तंभ गया है। इससे, अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए अवसरों के नए द्वार भी खुले हैं।
मोदी ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प लेकर चल रहा हमारा देश,सबका प्रयास से ही, अपने लक्ष्यों को, प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि एक साथ 36 रॉकेट को प्रक्षेपण करना दिवाली से ठीक एक दिन पहले मिली ये सफलता एक प्रकार से ये हमारे युवाओं की तरफ से देश को एक विशेष दिवाली उपहार है।
इस प्रक्षेपण से कश्मीर से कन्या कुमारी और कच्छ से कोहिमा तक, पूरे देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को और मजबूती मिलेगी। इसकी मदद से बेहद दूर-दराज के इलाके भी देश के बाकी हिस्सों से और आसानी से जुड़ जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने युवाओं विशेषकर स्टार्टअप्स और नवाचार को से अंतरिक्ष के क्षेत्र में योगदान करने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत में पहले अंतरिक्ष क्षेत्र सरकारी व्यवस्थाओं के दायरे में ही सिमटा हुआ था। जब ये क्षेत्र भारत के युवाओं और भारतीय निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया। इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन आने लगे हैं। निजी कंपनियों को अपने उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित करने की अनुमति दी गई है।