पटना। बिहार में लोकआस्था का महापर्व छठ के अवसर पर आज व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित किया।
बिहार समेत पूरे देश में शुक्रवार को छठ महापर्व की शुरूआत हो गई है। गंगा नदी में हजारों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस अवसर पर लाखो लोगों ने पवित्र गंगा नदी में स्नान भी किया।
आज दोपहर बाद से ही गंगा नदी की ओर जाने वाले सभी मार्ग छठ व्रत एवं सूर्य आराधना के भक्तिपूर्ण एवं कर्णप्रिय गीतों से गुंजायमान थे। केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय, आदित लिहो मोर अरगिया, दरस देखाव ए दीनानाथ, उगी है सुरुजदेव, हे छठी मइया तोहर महिमा अपार, कांच ही बास के बहंगिया बहंगी लचकत जाय… गीत सुनने को मिल रहे हैं।
पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी के घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किएये हैं। छठ घाटों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। इसके लिए ट्रैफिक प्लान बना कर आम लोगों के बीच प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है।
छठ को लेकर नदियों में निजी नावों के परिचालन पर रोक लगाया गया है तथा नदी घाट पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम को एक्टिव मोड में रहने का निर्देश दिया है। घाटों पर विधि व्यवस्था संधारण तथा शांतिपूर्ण पूजा के आयोजन हेतु पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है।
वहीं, बिहार के औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थल देव के पवित्र सूर्यकुंड में आठ लाख से अधिक व्रतधारियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया गया। इस अवसर पर अत्यन्त आकर्षक ढंग से सजाए गएये देव के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में आज सुबह से ही भगवान भाष्कर के दर्शन के लिए व्रतधारियों तथा श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों तथा बिहार के कोने-कोने से आये लाखों श्रद्धालुओं और व्रतधारियों द्बारा गाये जा रहे कर्णप्रिय छठी मईया के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान था।