सिरोही। स्पेसशिप कैसे काम करता है। जिसेट, जीएसएलवी जैसे सेटेलाइट और सेटेलाइट लॉन्चर दिखते कैसे हैं। अंतरिक्ष में सेटेलाइट। का काम आखिर क्या होता है। इलेक्ट्रॉनिक चिप काम कैसे करती हैं। एलईडी का निर्माण कैसे होता है। और इन जैसे पचासों सवालों का जवाब बच्चों ने दशहरा मैदान में आयोजित प्रदर्शनी में पाए।
आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में महात्मा गांधी स्कूल दशहरा ग्राउंड में विजन राजस्थान-2022 विकास के मार्ग पर अयोजित प्रदर्शनी में बच्चों की जिज्ञासाएं जितनी बढ़ती गई केंद्र और राज्य सरकार के विभागों प्रतिनिधियों की उन्हें जानकारी देने की उत्कंठा भी उतनी ही ज्यादा दिखी।
सीएसआईआर के विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक आ एग्रीकल्चर रिसर्च हो। एन्सिल द्वारा लगाई स्पेसशिप के मॉडल एऊ भारत की अंतरिक्ष की भावी योजनाएं हो। काजरी का कृषि उत्पादों को कोमोडिटी मार्किट में लांच करने के लिए बनाए गए उत्पाद हों।
नेशनल डेयरी बोर्ड की रिसर्च और एनिमल हसबैंडरी की भावी योजनाएं हों। एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट की निर्यात प्रोत्साहन योजना हो। जिस भी विभाग की कार्यप्रणाली जाननी है उसके लिए इस प्रदर्शनी की तरफ जाया सकता है।
निःसन्देह सिरोही जैसे छोटे शहर के बच्चों और जिज्ञासु बड़े-बुजुर्गों के लिए ये प्रदर्शनी जानकारियों का एक स्रोत बनकर आई है। हां, ये बात अलग है कि जल शक्ति मंत्रालय जैसे इक्का दुक्का विभागों की ऐसी स्टालें भी हैं जहां बच्चों को पेम्फलेट के अलावा कुछ नहीं जानकारी नहीं मिल पाएगी। वैसे नए प्रदर्शनी उन युवाओं और व्यवसायियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं जो एंटरप्रेन्योरशिप और एक्स्पोर्ट बेस काम करने के इच्छुक हैं।
सिरोही के दशहरा मैदान में लगी प्रदर्शनी में csir की स्टॉल पर इलेक्ट्रॉनिक इक्यूपमेंट की जानकारी लेते बच्चे।इन्होंने किया उदघाटन
तीन दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित, पूर्वमंत्री ओटाराम देवासी, सिरोही पंचायत समिति प्रधान हंसमुख कुमार, जिला परिषद सदस्य लुम्बाराम चौधरी, पूर्व नगर परिषद सभापति ताराराम माली की उपस्थित में हुआ। यह प्रदर्शनी अनुसंधान और विकास, कृषि, स्वास्थ और शिक्षा, बुनियादी ढांचे, कौशल विकास, पर्यावरण, खनन बाहर निकालना, अघोग विकास, अनुसंधान और विकास पर केंद्रित है।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य यह है की आमजन तक सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ज्ञान को समझने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को उजागर करना है। तीन दिवसीय विजन राजस्थान-2022 विकास के मार्ग पर आधारित तीन दिवसीय प्रदर्शनी सुबह 10 से 5 बजे तक संचालित है।
इस प्रदर्शनी के बने ये भागीदार
रजत प्रायोजक आईओसीएल, एपीडा लोगो प्रायोजक-टी बोर्ड, ईसीजीसी, प्रतिभागियों-परमाणु ऊर्जा विभाग, डीएमआरसी, आईसीएमआर, डीबीटी, सीएसआईआर, एनडीडीबी, केवीआईसी, बीआईएस, निफफेट, जल शक्ति, कॉफी बोर्ड, मसाला बोर्ड, भारत का सर्वेक्षण, उत्तराखंड हैंडलूम, आरबीआई, एपीडा, एनएचडीसी, एपीडा, एनएचडीसी, कॉयर बोर्ड, आईसीएआर, सीपीसीबी, आरसीएफ, ईपीसीएच, सिपेट, मेकॉन लिमिटेड, एनआईएफ, एनएसआईएल, एनएफएल, कृभको, एनएचएफडीसी, एनएसटीएफडीसी, पीएनबी, एनआईएच इस प्रदर्शनी में सहयोग कर रहे हैं।
इस प्रदर्शनी में कई विभाग जैसे कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी, भारतीय रिजर्व बैंक, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया, स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलेजी, डिपार्टमेंट ऑफ <span;> राजस्थान, नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ एटोमिक एनर्जीए,आईसीएआर और कई अन्य भाग ले रहे हैं।
छात्र-छात्राओं की लगी कतार
विजन राजस्थान-2022 विकास के मार्ग पर आधारित भव्य प्रदर्शनी में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। प्रर्दशनी में स्कूल के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न मॉडलों के माध्यम से जानकारी दी गई। विज्ञान प्रर्दशनी के आयोजन से बच्चों को जीवन में कुछ नया करने की सीख दी। प्रर्दशनी की खासियत यह रही कि के बच्चों में पर्यावरण के प्रति दिलचस्पी देखी गयी। प्रदर्शनी में रखे विज्ञान और पर्यावरण से जुडे मॉडल की छात्र-छात्राओं ने सराहना की।
विज्ञान मॉडल के माध्यम से भविष्य में पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण की रोकथाम तथा खाद्य एवं सुरक्षा से संबंधित नए विकल्प को दर्शाया गया है। वही छात्र-छात्राओं को विज्ञान से जुड़ी हर जानकारी दी गई। प्रदर्शनी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ईसरो एलवीएम-3, एम-2 रॉकेट व उपग्रह मॉडल से बच्चों को जानकारी दी। वही विज्ञान से जुड़े सवाल जवाब भी छात्र-छात्राओं से किए गए। जिन छात्र-छात्राओं ने सही जवाब दिए उनको ईनाम भी दिया गया।