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SIrohi municipal board took decision to cancle Land use of controversial petrol pump in presence of MLA lodha - Sabguru News
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और विधायक लोढ़ा ने ऐसे समेटा अपने ही बनाए बोर्ड प्रमुख और आयुक्तों का फैलाया रायता

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और विधायक लोढ़ा ने ऐसे समेटा अपने ही बनाए बोर्ड प्रमुख और आयुक्तों का फैलाया रायता
सिरोही नगर परिषद में आयोजित बोर्ड बैठक में उपस्थित विधायक संयम लोढ़ा।
सिरोही नगर परिषद में आयोजित बोर्ड बैठक में उपस्थित विधायक संयम लोढ़ा।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। विधायक संयम लोढ़ा की मौजूदगी में अंतत: बुधवार को अपने ही द्वारा लगाए सभापति और आयुक्तों के द्वारा किए गए कथित पेट्रोल पम्प के भू-उपयोग परिवर्तन में अनियमितता के रायते को समेटने का काम हो गया ।

नगर परिषद की विशेष साधारण सभा में  विवादित पेट्रोल पम्प के भू-उपयोग परिवर्तन में की गई अनियमितता की जानकारी हाल में मिलने की जानकारी देते हुए विधायक, कांग्रेस पार्षदों और आयुक्त ने इसके भू-उपयोग परिवर्तन को निरस्त करवाने का प्रस्ताव वोटिंग के द्वारा पास करवा दिया।

विधायक संयम लोढ़ा समेत कांग्रेस और भाजपा के कुछ पार्षदों  समेत 25 जनों ने विवेकानंद कॉलोनी के निकट लग रहे पेट्रोल पम्प का भू-उपयोग परिवर्तन को निरस्त करने के प्रस्ताव के पक्ष में हाथ उठाकर सहमति दी। वहीं नेता प्रतिपक्ष मगन मीना, भाजपा पार्षद सुरेश सगरवंशी, गीता पुरोहित, अरुण ओझा, गोपाल माली, गोविंद माली, मणिबेन ने इसे निरस्त करने पर असहमति जताई।

इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेजकर राज्य स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन समिति की सिफारिश से हुए भू-उपयोग परिवर्तन को निरस्त करवाने की सिफारिश की जाएगी। इस बैठक में नगर परिषद सभापति महेंद्र मेवाड़ा उपस्थित नहीं थे। उनकी जगह इसकी अध्यक्षता उप सभापति जितेंद्र सिंघी ने की।
-वर्तमान आयुक्त ने भी रखा कमजोर पक्ष
इस प्रस्ताव को निरस्त करने के कारण को लेकर कुछ बीजेपी पार्षदों ने बैठक में सवाल पूछ लिए। इस सवाल पर पार्षदों को कानून का ज्ञान देकर हडक़ा देने वाले आयुक्त अनिल झिंगोनिया भी लडख़ड़ा गए। वो इस बात का समुचित जवाब नहीं दे पाए कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इस भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन अनियमित हो गया। जबकि इसका जवाब इसी नगर परिषद में था।

 

गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार के राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राज्य सरकार का वो आदेश जिसके आधार पर सिरोही के कथित पेट्रोल पंप को जनहित के बताया गया।

-यू शुरू हुआ कथित गोरखधंधा
इस कथित अनियमितता की जड़ में है राजस्थान उच्च न्यायालय का वो निर्णय जो गुलाब कोठारी बनाम राजस्थान सरकार के वाद में 12 जनवरी 2017 को दिया गया था। ये वाद मास्टर प्लान के विपरीत शहरी विकास करने को लेकर दायर किया गया था। इसमें राज्य सरकार को ये निर्देशित किया गया था कि व्यापक जनहित के मामले को छोडक़र शेष मामलों में बिना जोनल प्लान के मास्टर प्लान के विपरीत भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

इस व्यापक जनहित के मामले को ही परिभाषित करते हुए नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने 23 मई 2018 को राज्यपाल की आज्ञा से एक आदेश निकाला। इस आदेश के अनुसार पेट्रोल पम्प को भी आमजन की सुविधा में व्यापक जनहित का माना जाएगा, बशर्ते उस प्रस्तावित पेट्रोल पम्प की दो किलीमीटर की परिधि में ही कोई दूसरा पेट्रोल पम्प नहीं होवे।

सिरोही का विवादित पेट्रोल पम्प मास्टर प्लान 2030 के तहत रेजीडेंशियल जोन में पडऩे वाली भूमि में आता है। ऐसे में गुलाब कोठारी के निर्णय से इसका व्यावसायिक भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। लेकिन, राज्य सरकार के 23 मई 2018 के आदेश के अनुसार इसे जनहित का माना जा सकता है बशर्ते इसकी दो किलो मीटर की परिधि में कोई दूसरा पेट्रोल पम्प नहीं हो।

सिरोही के पेट्रोल पम्प के मामले में इसी नियम को तोड़-मरोडक़र एम्पावर्ड कमिटी ने इस पेट्रोल पम्प के दो किलोमीटर की परिधि में पेट्रोल पम्प होने के बावजूद हजम नहीं होने वाली दलीलें देकर इसे जनहित का मामला बता दिया।

निकाय स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन की जिस एम्पावर्ड कमिटी ने ये निर्णय किया उसके स्थाई सदस्य निकाय के सभापति, आयुक्त, वरिष्ठ अभियंता और वरिष्ठ नगर नियोजन अधिकारी होते हैं। बैठक में आयुक्त ने बताया कि 13 मार्च 2020 को एम्पावर्ड समिति की जिस बैठक में उच्च न्यायालय के आदेश की गली निकाली गई उसमें सभापति, आयुक्त वरिष्ठ अभियंता बैठे थे। उस समय सभापति महेन्द्र मेवाड़ा और आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित थे।

सिरोही नगर परिषद की एम्पावर्ड कमिटी का निर्णय का तत्कालीन आयुक्त शिवपाल सिंह के हस्ताक्षर युक्त पत्र की प्रतिलिपि।

-जनहित का बताने को ये दी है दलील
एम्पावर्ड कमिटी की बैठक में दो किलोमीटर में तीन पेट्रोल पम्प के पडऩे पर भी नए पेट्रोल पम्प को जनहित की श्रेणी में डालने के लिए जो दलील दी वो स्पष्ट बता रही है कि किस तरह से भू-उपयोग परिवर्तन के लिए झोलझाल किया।

इस दलील में बताया कि राजमाता धर्मशाला स्थित पेटा्रेल पम्प की दूरी परिधि से 1.02 किलोमीटर व सडक़ से दूरी 1.80 किलोमीटर है। यहां सिर्फ पेट्रोल मिलता है डीजल नहीं इससे जनता को समस्या आती है।

तीन बत्ती चौराहे पर स्थित पेट्रोल पम्प के लिए एम्पावर्ड कमिटी ने दलील दी कि इसकी परिधि से दूरी 750 मीटर है व सडक से दूरी 1.30 किलोमीटर है। यहां पर बडे वाहनों की बहुत भीड़ रहती है, जिससे छोटे वाहनो को दिक्कत होती है।
वही डीटीओ ऑफिस के पहले स्थित पेट्रोल पम्प के लिए दलील दी गई कि इसकी परिधि 1. 85 किलोमीटर और सडक़ से दूरी 2.1 किलोमीटर है। इस मार्ग पर बड़े वाहनो का आवगमन रहता है। इसलिए छोटे वाहन नहीं जा पाते।
इसमें यह प्रस्ताव लिया कि प्रस्तावित पेट्रोल पम्प के सामने से जाने वाली सडक़ कई सरकारी कार्यालयों से जुड़ती है। इनके वाहन इसी मार्ग से जाते हैं। इस मार्ग पर कालन्द्री तक एक भी पेट्रोल पम्प नहीं है इसलिए इस पेट्रोल पम्प की जनहित में आवश्यकता है।
-विधायक ने बोला हाल में प्रकाशित समाचार से हुई जानकारी
बैठक में भू-उपयोग परिवर्तन के लिए एम्पावर्ड कमिटी द्वारा दी गई दलील पर भू-उपयोग परिवर्तन होने के नौ महीने बाद जागने पर भाजपा पार्षद सुरेश सगरवंशी, गोपाल माली ने इस प्रस्ताव की नीयत पर सवाल उठाया। इस पर आयुक्त और बैठक में बैठे विधायक ने भी ये दलील दी कि उन्हें भी इस बारे में समाचार पत्र में खबर आने पर जानकारी मिली।

उल्लेखनीय है कि इस भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन 24 जनवरी 2022 को हुआ। ठीक एक महीने बाद 23 फरवरी 2022 को सबगुरु न्यूज ने रेजीडेंशियल इलाके में व्यावसायिक निर्माण होने की श्रंखला के दौरान इस भूमि के भू उपयोग परिवर्तन का समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद अनादरा चौराहे का एक कॉम्पलेक्स सीज किया गया, लेकिन इस भूमि के भू-उपयोग परिवर्तन को निरस्त करने के लिए कोई कार्रवाई उस वक्त अमल में नहीं लाना भाजपा की शंका को और मजबूत आधार दे रहा है।

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि एसटीपी जोधपुर ने इस भूमि को जनहित की श्रेणी में नहीं माना, लेकिन, सिरोही नगर परिषद की एम्पावर्ड कमिटी के निर्णय के अनुसार इसे राज्य स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन समिति को प्रेषित कर दिया। इस तरह इस मामले में राज्य स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन समिति के द्वारा सारा का सारा खेला सिरोही नगर निकाय की एम्पावर्ड समिति की अनुशंसा पर ही खेला गया है। ऐसे में इसका सारा ठीकरा सिर्फ निकाय स्तरीय एम्पावर्ड कमिटी पर ही फूटना है।

-एफआईआर करवाने को अड़े भाजपा पार्षद
बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष मगर मीणा भाजपा पार्षद सुरेश सगरवंशी, अरूण ओझा, गीता पुरोहित, गोपाल माली, गोविंद माली ने भू-उपयोग परिवर्तन करने वाली एम्पावर्ड समिति में शामिल स्थानीय जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव लेने को कहा।

इस पर विधायक संयम लोढ़ा ने भू-उपयोग परिवर्तन निरस्त करने के साथ राज्य स्तरीय भू-उपयोग समिति को जनहित का मामला बताकर पेट्रोल पम्प के लिए भू-उपयोग करने की सिफारिश करने वाले सिरोही नगर परिषद की एम्पावर्ड कमिटी के सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई का लिखा जाएगा।

बैठक में आयुक्त द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 13 मार्च 2020 की बैठक में सभापति, आयुक्त, वरिष्ठ अभियंता और वरिष्ठ टाउन प्लानर के उपस्थित थे। ऐसे में कांग्रेस बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार 13 मार्च 2020को सिरोही नगर परिषद के कांग्रेस के सभापति, तत्कालीन आयुक्त शिवपालसिंह, तत्कालीन वरिष्ठ अभियंता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि संयम लोढ़ा के विधायक काल में ही शिवपालसिंह और उनके बाद इस पेट्रोल पंप का भू उपयोग परिवर्तन करने का आदेश जारी करने वाले महेन्द्र सिंह करीब तीन से साढ़े तीन साल तक सिरोही के आयुक्त रहे। लेकिन सिरोही डवलपमेंट की बजाय इस पेट्रोल पम्प के भू उपयोग परिवर्तन को लेकर काम कर दिया और विधायक को कानों कान खबर तक नहीं होने दी।

जबकि बुधवार को हुई बैठक में आयुक्त अनिल झिंगोनिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस एम्पावर्ड कमिटी में सभापति भी थे। महेंद्र सिंह सिरोही नगर परिषद से ही रिटायर हो गए और शिवपालसिंह जिले की सबसे मलाईदार नगर पालिका माउंट आबू के आयुक्त पद पर आसीन हैं।

सबगुरु न्यूज़ में 23 फरवरी 2022 को प्रकाशित पेट्रोल पंप के भू-उपयोग परिवर्तन का समाचार…

सिरोही में रिहायशी इलाके में पेट्रोल पम्प के लिए भू-उपयोग परिवर्तन!