पुष्कर। तीर्थराज पुष्कर की खण्डेलवाल धर्मशाला में सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन फूलों की होली खेली गई तथा नृत्य करते हुए भक्तों ने जमकर आनन्द लूटा।
कथा व्यास पंडित गौरव व्यास ने संगीतमय स्वरों में श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का सात्विक विवेचन करते हुए मनुष्य को मृत्यु सुधारने व मुक्ति मार्ग पर चलने के लिए आध्यात्मिक पथ का पथिक बनकर ठाकुरजी का आशीर्वाद पाने के लिए जीवन में निष्काम कर्म, सेवा, दान एवं यज्ञ के साथ योग-जीवन अपनाने की ज़रूरत बताई।
उन्होंने कहा कि सदकर्म करने पर श्रीकृष्ण आपका योग-क्षेम स्वयं संभालेंगे। श्रीकृष्ण ने भोमासुर के यहां क़ैद में बंद 16100 कन्याओं का उद्धार कर उनसे विवाह किया और अपने गरीब मित्र सुदामा को सम्पन्न किया। उन्होंने ठाकुरजी की भक्ति कर जीवन में पूर्णता लाने की अपील की।
पंडित गौरव व्यास ने यजमान हरिप्रसाद शर्मा एवं समिति संरक्षक पूर्व पालिकाध्यक्ष जनार्दन शर्मा द्वारा कथा आयोजन एवं सुन्दर व्यवस्थाओं के लिए धन्यवाद और आशीर्वाद दिया। शर्मा ने अन्त में कथावाचक व्यास, उनके साथ आए विद्वानों व संगीतकारों के अलावा व्यवस्थाओं को सफल बनाने के लिए सभी समितियों, आगन्तुकों श्रोताओं, श्रद्धालुओं व भक्तों का आभार जताया।
समापन कथा में संतों एवं अखिल भारतीय बाह्मण महासभा के अध्यक्ष पंडित सुभाष पाराशर, ब्रह्मा मंदिर के प्रधान पुजारी लक्ष्मी नारायण वशिष्ठ, डाक्टर कन्हैया लाल मोरयानी ने भागवत जी पर माल्यार्पण किया। अध्यक्ष पाराशर ने हरिप्रसाद शर्मा एवं परिवारजनों का भी सम्मान किया।
यह भागवत कथा ज्ञान यज्ञ स्वर्गीय केसरदेवी पत्नी केदारदत्त शर्मा की स्मृति में कराई जिसमें नगर के सभी गणमान्य नागरिकों ने भी सहयोग प्रदान किया। गोपाष्टमी के अवसर पर गोदान का संकल्प लेकर हरिप्रसाद शर्मा एवं हरिइच्छा पाराशर ने गौ दान किया। अंत में भागवत जी पुनः कथावाचक पंडित गौरव व्यास को सम्मानपूर्वक परिवारजनों ने बैण्ड बाजों के उनको संभलाई।
सैनाचार्य स्वामी अंचलाननदाचार्य कार्तिक पूर्णिमा तक पुष्कर में
अखिल भारतीय सैन भक्ति पीठ के पीठाधीश्वर सैनाचार्य 1008 स्वामी अंचलाननदाचार्य पुष्कर में चल रही सातदिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में रविवार को शामिल होने के पूर्व पालिकाध्यक्ष जनार्दन शर्मा के न्यौता पर पधारे।
सैन भक्ति पीठ के प्रवक्ता हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि गोपाष्टमी पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवा लाख दीप दान पर संतों को आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्म घाट पर महाआरती व दीप दान का कार्यक्रम हुआ जिसके साक्षी बनाने के लिए विशेष रूप से पुष्कर रूके। सैनाचार्य कार्तिक पूर्णिमा तक भक्ति पीठ में रहेंगे। भक्ति पीठ में सैनाचार्य के पधारने के साथ ही पुष्कर मेले के कई कार्यक्रम शुरू होंगे।