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पत्रकारों के एडवोकेट जनरल बनेंगे : कैलाश विजयवर्गीय - Sabguru News
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पत्रकारों के एडवोकेट जनरल बनेंगे : कैलाश विजयवर्गीय

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पत्रकारों के एडवोकेट जनरल बनेंगे : कैलाश विजयवर्गीय

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों का आज आह्वान किया कि वे समाचार संकलन एवं प्रकाशन में राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखें और उनके हितों की रक्षा के लिए वह स्वयं पैरोकार बनेंगे।

विजयवर्गीय ने जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) के यहां आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने की और संचालन उपाध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने किया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के भोपाल केंद्र की बहनों ने भी शिरकत की।

विजयवर्गीय ने कहा कि आज पत्रकार बेचारा बन गया है। पत्रकारिता के नाम पर अनैतिक आचरण करने वाले कुछ लोगों ने आगे का स्थान हथिया लिया है और केवल कलम एवं खबर से मतलब वाला पत्रकार हाशिये पर अकेला पड़ा है।

उन्होंने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा एवं सुविधाओं को लेकर जायज मांग को पूरा कराने के लिए वह स्वयं उनके ‘एडवोकेट जनरल’ (महाधिवक्ता) बनेंगे। उन्होंने पत्रकारों का आह्वान किया कि इस माहौल में समाचार के चयन, प्रस्तुतीकरण में राष्ट्र एवं समाज के हितों और उस पर पड़ने वाले प्रभाव का ध्यान रखना जरूरी है।

विशिष्ट अतिथि सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सोशल मीडिया के दौर में हर कोई पत्रकार बनने का दावा करने लगा है। इसलिए समय की मांग है कि पत्रकार की परिभाषा तय होनी चाहिए और इसके बाद सुरक्षा एवं सुविधाओं की मांग को उठाया जाए। उन्होंने कहा कि वह संसद में पत्रकारों की आवाज़ को जोर-शोर से उठाएंगे।

इससे पहले एनयूजेआई के महासचिव प्रसन्न मोहंती ने पत्रकारों के रेलवे टिकट की रियायत बहाल करने तथा राज्यों में पत्रकार अधिमान्यता समितियों का पुनर्गठन करने की मांग की। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पत्रकारों की अधिमान्यता सरकार करने लगी है और इसमें भेदभाव और दमनात्मक रुख दिख रहा है।

बाद में एनयूजेआई के आम परिषद की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें मुख्य धारा के मीडिया को सोशल मीडिया से विस्थापित करने की कोशिश का विरोध किया गया तथा मुख्य धारा के मीडिया खास कर संवाद समितियों को सशक्त बनाने की मांग की गई है।